04
Feb
माँ शारदे ——————————————-शुभ-शुभ दिन आए, हृदय उमंग छाए,शारदे माँ शारदे माँ, ज्ञान का भंडार दे। शब्द सार उर बसे, वाणी मधु मिश्री झरे,दिव्यता से परिपूर्ण,कृति में निखार दे। सुंदर सुभाव जगे, छंद लय ताल सजे,वीणापाणि सरस्वती,रचना सँवार दे। ‘सुषमा’ आशीष मिले, सृजन समृद्ध बने,कवित्त झंकार भरे,लेखनी में धार दे।————————————————*... कवयित्री सुषमा प्रेम पटेल रायगढ़/रायपुर छ ग