सीसीएल की अनूठी पहल :: समावेशी योग
योग से योग्य: सीसीएल की समावेशी और प्रेरणादायक पहल
रांची। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर, जब संपूर्ण राष्ट्र और विश्व योगमय वातावरण से आह्लादित था, उस समय सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने योग के प्रचार-प्रसार के लिए समावेशी योग के तहत ऐसी पहलें कीं, जो न केवल अनूठी रहीं, बल्कि अत्यंत प्रेरणादायक भी साबित हुईं और जिसे काफी सराहा भी जा रहा है। समावेशी योग का मतलब :: समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर योग को इस तरह से अपनाना और सिखाना कि यह हर किसी ले लिए सुलभ हो, सहज हो , चाहे उनकी शारीरिक क्षमता, उम्र, लिंग या अन्य व्यक्तिगत अंतर क्यों न हो।
सीसीएल ने यह स्पष्ट किया कि योग मात्र व्यायाम नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली है, एक संस्कार, एक परंपरा और सामाजिक समरसता का सशक्त माध्यम है। इस विचारधारा को सशक्त रूप देते हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेंदु कुमार सिंह के नेतृत्व में सभी निदेशकगण, सीवीओ, मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, पिपरवार क्षेत्र के महाप्रबंधक, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि, स्थानीय ग्रामीणजन, हितधारकगण, महिलाएं और युवा, सभी ने योग दिवस की सुबह हजारों की संख्या में भाग लेकर एक सशक्त संदेश दिया। पिपरवार के मैदान नंबर-4 में बैंगलोर से आए हुए श्री श्री योग के अंतरराष्ट्रीय निदेशक गिरिन गोविंद जी ने उपस्थित सभी को योग कराया और योग के महत्व एवं इसकी जीवनशैली में भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने सभी को योगाभ्यास कराया , रोज योग करने के लिए प्रेरित किया और इससे होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से बताया। योग करते हुए सभी ग्रामीण, हितधारक, महिला और युवाओं के चेहरे की खुशी देखते हुए यह प्रतीत हो रहा था कि वो आज से योग को जरूर अपनाएंगे। सभी ने सामूहिक रूप से भाग लेकर योग के महत्व को व्यापक समाज तक पहुंचाया। यह आयोजन सिर्फ एक स्वास्थ्य अभियान नहीं था, बल्कि यह एक सशक्त सामाजिक संदेश था, कि जब संगठित प्रयासों के साथ सामूहिक सहभागिता जुड़ती है, तो वह आयोजन एक परिवर्तनकारी आंदोलन में बदल जाता है।
इसके पश्चात उसी दिन अपराह्न सीसीएल मुख्यालय स्थित गंगोत्री कन्वेंशन सेंटर के संगम सभागार में एक भव्य योग व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन में गिरिन गोविंद जी ने व्याख्यान में बताया कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और सामाजिक सामंजस्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि “योग आत्म-अनुशासन, संतुलन और आनंद का मार्ग है, जिसे अपनाकर हम व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।” आपको बता दें कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में योग को राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिल रही है और लोग इसे जीवनशैली के रूप में अपना भी रहे है तथा योग से होने वाली स्वास्थ्य लाभ और समावेशी विकास का लोहा भी मान रही है।

इसके अलावा योग के प्रचार-प्रसार के लिए सीसीएल ने योग दिवस से पहले ही एक समावेशी अनूठी श्रृंखला की शुरुआत की थी। श्रृंखला के पहली कड़ी में सीसीएल की महिला अधिकारी श्रीमती पूजा प्रसाद ( मैनेजर, सीएसआर-सीसीएल) और उनकी पुत्री गरिमा (4 वर्षीय) द्वारा प्रस्तुत वीडियो में यह संदेश दिया गया कि योग केवल स्वास्थ्य लाभ तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक संस्कारिक परंपरा है, जो पीढ़ियों को जोड़ता है। जब एक मां-बेटी साथ मिलकर योग करते हैं, तो वह केवल शरीर ही नहीं, आत्मा और रिश्तों को भी मजबूत करता है। यह संवाद और समर्पण, भावनात्मक जुड़ाव को गहराता है।
इसी भावनात्मक जुड़ाव को आगे बढ़ाते हुए दूसरी कड़ी में हमने पिता और बेटी के प्रेम को भी योग के जरिए दर्शाने का प्रयास किया। श्री हिमालय (डिप्टी मैनेजर, एल & आर डिपार्टमेंट, सीसीएल) और उनकी 9 वर्षीय पुत्री आन्या कुमारी ने साथ योग कर यह दिखाया कि पिता-पुत्री की जोड़ी का योग संतुलन और समर्पण का है।
सीसीएल ने समावेशिता की भावना को आगे बढ़ाते हुए तीसरी कड़ी में “कोशिश” संस्था द्वारा संचालित एक केंद्र का दौरा किया, जहां हमने “विशेष रूप से सक्षम” बच्चों के साथ योगाभ्यास कर उन्हें प्रोत्साहित किया। इन बच्चों की मुस्कान, आत्मविश्वास और उत्साह ने यह सिद्ध कर दिया कि योग जीवन को हर परिस्थिति में संतुलित बनाए रखने का भी माध्यम है। इस दौरान बच्चों की प्रतिभा ने सभी को भावविभोर कर दिया। यह समाज के लिए प्रेरणा थी, जब “विशेष रूप से सक्षम” बच्चे योग कर सकते हैं तो समाज का कोई भी व्यक्ति योग कर सकता है।
सीसीएल की समावेशी योग पहल के अंतर्गत चौथी कड़ी में मृदांगिनी डांस ग्रुप की ओर से, सुश्री सुदीक्षा राय चौधरी के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया। ‘नृत्य योग’ अत्यंत भावपूर्ण और मनमोहक रहा। इस प्रस्तुति में भारतीय संस्कृति की गहराई, शारीरिक मुद्राओं का संतुलन और संगीत की लय में आत्मिक योग का सुंदर समन्वय देखने को मिला।
सीसीएल ने कपल योग की अनोखी पहल के तहत पांचवीं कड़ी में एक दंपति अधिकारी जो न सिर्फ जीवन साथी हैं, बल्कि श्री अमित प्रकाश (सीनियर मैनेजर, सिविल) और उनकी पत्नी श्रीमती सुम्मी सिन्हा (सीनियर मैनेजर, सिविल) दोनों ही कोल इंडिया में कार्यरत हैं। उन्होंने योग के माध्यम से यह संदेश दिया कि योग रिश्तों में मधुरता और संतुलन लाता है। यह केवल तन की साधना नहीं, बल्कि मन और संबंधों की स्थिरता का माध्यम भी है।
इससे एक कदम आगे बढ़ाते हुए सीसीएल ने अनेकता में एकता और योग में समानता के तहत छठी कड़ी में केरल से आए “स्नेहिल परिवार” के सदस्यों के साथ भी योग किया। “स्नेहिल परिवार” सीसीएल में आने वाले हर डेलिगट्स और सीसीएल परिवार के सदस्यों के पौष्टिक भोजन और व्यवस्था का ख्याल रखते हैं।
वहीं, योग दिवस की समावेशी पहल को और आगे बढ़ाते हुए, अनूठी पहल की सातवीं कड़ी में मिस यूनिवर्स झारखंड – सुश्री रिया तिर्की ने JSSPS (Jharkhand State Sports Promotion Society) के युवा खिलाड़ियों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया। यह आयोजन केवल स्वास्थ्य नहीं, बल्कि आत्मबल, अनुशासन और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने का एक प्रेरणादायक क्षण बन गया। सीसीएल की यह सोच रही है कि योग केवल एक दिन की गतिविधि नहीं, बल्कि यह एक लाइफस्टाइल बने। इन विविध पहलों के माध्यम से सीसीएल ने यह सिद्ध किया है कि योग को जब समाज के हर वर्ग से जोड़ते हैं- बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, महिलाओं से लेकर विशेष रूप से सक्षम जनों तक, अधिकारियों से लेकर खिलाड़ियों तक तब वह एक सशक्त, समावेशी और संस्कारित राष्ट्र निर्माण की आधारशिला बनता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 का थीम इस वर्ष “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” था। जो मनुष्य, प्रकृति और समग्र स्वास्थ्य के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देने में योग की भूमिका पर जोर देती है। वर्ष 2025 विशेष रूप से खास है क्योंकि यह इस वैश्विक उत्सव की 11वीं वर्षगांठ है। सीसीएल, सीसी & पीआर डिपार्टमेंट के द्वारा इस समावेशी और अनूठी श्रृंखला की शुरुआत की गई थी, जिसे प्रबंधन से लेकर सभी लोगों के द्वारा खूब सराहा गया। जिसके साथ ही योग से योग्य बनने की अवधारणा को और मजबूती दी गई।
ज्ञात हो कि सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेंदु कुमार सिंह के नेतृत्व में कंपनी न केवल पर्यावरण-संवेदनशील सतत खनन कर रही है, बल्कि समावेशी, स्वास्थ्य और लोक कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है। सीसीएल की इन पहलों से न केवल कंपनी के हितधारकों को लाभ मिल रहा है, बल्कि राज्य और राष्ट्र के विकास में भी यह कंपनी एक मजबूत भागीदार बन रही है।

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