चन्दौली। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में शीत लहर का प्रकोप शुरू हो गया है और प्रतिदिन तापमान में लगातार गिरावट दर्ज कि जा रही है | ऐसे में पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने कि आशंका बढ़ गयी है। इसे देखते हुए सभी पशुपालकों और नागरिकों से अपील है कि वे अपने पालतू एव निराश्रित पशु-पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक प्रबंध करें । विभाग के अनुसार ठंड के मौसम में पशुओ के शरीर का तापमान कम होने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दुग्ध उत्पादन में कमी आती है और प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है। समय पर समुचित व्यवस्था न होने के कारण पशु-पक्षियों कि मृत्यु तक हो सकती है।
पशु आवास को चारों ओर ढककर ठंडी हवा के सीधे संपर्क से बचाया जाय । पशुओ को गर्म कपड़े अथवा बोरे से ढकने, संतुलित आहार एव कान्सन्ट्रेट राशन बढ़ाने, तथा गन्ने के चारा, भूसा व पराली उपलब्ध कराये । साथ ही सरसों, मूंगफली, कपास, खली एवं गुड़ जैसे ऊर्जा युक्त आहार देने पर जोर दे । पशुशालावों में धूप का अधिक से अधिक प्रवेश सुनिश्चित कराया जाये, नवजात पशुओ को विशेष रूप से गर्म रखे और उन्हे कोलेस्ट्रम अवस्य पिलाये । फर्श को साफ व सूखा रखे, गोबर-पेशाब कि उचित निकाशी करे तथा रोजाना गुनगुना पानी पिलाये | इसके अलावा समस्त गौशालावों में ठंड के बचाव हेतु तिरपाल, काउ कोट, अलाव एव पराली कि व्यवस्था कर दी गयी है। समस्त गौशालावों में सी०सी० टीवी लगाकर निगरानी कि जा रही है। पराली के बदले खाद अभियान चलाकर समस्त गौशालावों में पराली संग्रह किया गया है।

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