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भोलानाथ मिश्र, पत्रकार कथा-सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानियां 31 जुलाई, 2025, को उनकी 145वीं जयंती पर भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उस समय थीं जब इन्हें लिखा गया था। 31 जुलाई, 1880 ई. को उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट लमही गांव में जन्में अमर कथाकार प्रेमचंद हिन्दी-उर्दू कथा साहित्य की कर्मभूमि बदलकर, यथार्थवादी काया-कल्प करने वाले एक ऐसे कथा शिल्पी हैं, जो आम आदमी के साथ थे। उनकी कहानियों के पात्र आजादी के अमृतकाल में भी स्थान-स्थान पर देखे जा सकते हैं। धनपत राय श्रीवास्तव 8 अक्टूबर, 1936 को इस संसार से तो विदा हो गए, लेकिन करीब…