राउरकेला । सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के निदेशक प्रभारी, आलोक वर्मा ने 14 मार्च 2025 को गोपबंधु सभागार में आयोजित 54वें राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पुरस्कार समारोह में अपने संबोधन में कहा “ “आइए हम शून्य हानि कार्यस्थल बनाने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करें और यह सुनिश्चित करें कि संयंत्र में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित घर लौटे” । मंच पर आसन ग्रहण करने वालों में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन), तरुण मिश्र, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा), ए के बेहुरिया, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स), बी आर पलई और ओडिशा सरकार के उप निदेशक, कारखाने और बॉयलर, बिभु प्रसाद शामिल थे । कार्यपालक निदेशक (समग्रे प्रबंधन), अनिल कुमार, कार्यपालक निदेशक (खान), एम पी सिंह, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएँ), एस पाल चौधरी, ओडिशा सरकार के दोनों सहायक निदेशक, कारखाना और बॉयलर, विवेकानंद नायक और एस एस राउत, समारोह में भाग लिए I मुख्य महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष, विभागीय सुरक्षा अधिकारी, एएसओ और इस्पात संयंत्र के बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
इस अवसर पर बोलते हुए, निदेशक प्रभारी ने कहा, “हमें कार्यस्थल में सुरक्षा में सुधार के लिए लगातार नई प्रथाओं का आविष्कार करना चाहिए। खतरों की रिपोर्ट करना, दोषपूर्ण उपकरणों का पता लगाना, सुरक्षा प्रशिक्षण सुनिश्चित करना, खुले संचार को प्रोत्साहित करना और कार्यस्थलों में विकर्षणों को सीमित करना कुछ पुरानी प्रथाएँ हैं जिन्हें हमें सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने दैनंदिन जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है”।

तरुण मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि विकसित भारत का सपना तभी संभव है जब हम सुरक्षा को एक अनुष्ठान और अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लें। उन्होंने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और आरएसपी को सभी के लिए सुरक्षित आश्रय बनाएं।”
ए के बेहुरिया ने कहा, “कार्यालय में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोकथाम और सावधानी दो महत्वपूर्ण बातें हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा व्यक्तिगत जिम्मेदारी है और सुरक्षा के लिए कोई निश्चित बजट नहीं है।
बी आर पलई ने सुरक्षा सप्ताह के दौरान आयोजित सुरक्षा अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रतिभागियों की सराहना की। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, “हमें तकनीकी रूप से समर्थित प्रणाली की आवश्यकता है जो मानवीय त्रुटियों की पहचान करे और किसी भी खतरे को रोकने में सक्षम हो।”
अपने संबोधन में, बिभु प्रसाद ने कई उदाहरणों और घटनाओं का हवाला दिया जहाँ अति आत्मविश्वास के कारण दुर्घटनाएँ घटी । उन्होंने कहा, “खतरे किसी को नहीं छोड़ते – चाहे वह कारखाना मालिक हो या कर्मचारी, विकसित भारत के बड़े लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सुरक्षा के प्रति हमारे व्यक्तिगत व्यवहार में सुधार करने की आवश्यकता है।”
पुरस्कार समारोह में गणमान्यों द्वारा इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के व्यक्तिगत एवं विभागीय तौर पर विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। सिंटरिंग प्लांट-1 ने वर्ष 2024-25 के लिए सर्वश्रेष्ठ हाउसकीपिंग और सुरक्षा के लिए चैंपियंस ट्रॉफी जीती।
इससे पहले, समारोह की शुरुआत एमओएमटी (ईएमडी), गुरु ज्योतिर्मय आचार्य द्वारा श्लोकों के उच्चारण के मध्य दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा और अग्निशमन सेवाएँ), श्रीमती आशा कार्था ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया। सहायक महाप्रबंधक (सीआरएम), एन पाणिग्रही द्वारा एक सुरक्षा गीत प्रस्तुत किया गया। महाप्रबंधक (सुरक्षा), अबकासा बेहरा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया और पुरस्कार वितरण समारोह का समन्वय भी किया। सहायक प्रबंधक (सुरक्षा), सुश्री प्रज्ञा नाथ ने कार्यक्रम का मंच संचालन किया। इस अवसर पर ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग के लॉन में आयोजित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी निदेशक प्रभारी द्वारा किया गया।

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