महाविद्यालय स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

 वाराणसी ।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, कल्लीपुर, वाराणसी द्वारा काशी दर्शन डी.यू. महाविद्यालय, मेहदीगंज, वाराणसी पर इन – सीटू फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत विद्यालय स्तरीय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, ड़ॉ. नवीन कुमार सिंह के दिशा निर्देश में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ड़ॉ. नवीन कुमार सिंह ने विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुक़सान जैसे कि मृदा, पानी तथा हवा द्वारा प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव पर विस्तार से जानकारी दी । कार्यक्रम में केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक ड़ॉ अमितेश कुमार सिंह ने बताया कि फसल अवशेषों को जलाने कि घटना हमारे देश में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश में होता है।

वैज्ञानिक बीज तकनीकी डॉ. श्रीप्रकाश सिंह ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक टन धान का पुवाल जलाने से 5 किलोग्राम नाइट्रोजन, 3 किलोग्राम फोस्फोरस, 25 किलोग्राम पोटेशियम तथा 2 किलोग्राम सलफर जल कर राख हो जाता है। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. मनीष पाण्डेय ने बताया कि खेत में पराली के ऊपर पूसा वेस्ट डीकमपोज़र का प्रयोग करके 30 से 35 दिन में सडाकर गलाया जा सकता है जिससे मिट्टी कि उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है।  केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन में क़ृषि में मशीनों जैसे कि मल्चर, रोटावेटर, सुपर सीडर तथा हैप्पी सीडर का प्रयोग करके पराली का प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है। गृह वैज्ञानिक डॉ. प्रतीक्षा सिंह ने बताया की लाभदायक सूक्ष्मजीवों का प्रयोग करके भी फसल अवशेषों को सडा गला कर गुणवत्ता युक्त जैविक खाद तैयार की जा सकती है | कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालन वैज्ञानिक  डॉ. पूजा सिंह सिंह फसल अवशेषों का आच्छादन के रूप में प्रयोग करने की सलाह दी|  फसल अवशेष का मिट्टी पर होने वाले लाभ तथा हानियों पर और प्राकृतिक खेती पर विस्तार से चर्चा किया।  इस कार्यक्रम में निबंध, प्रश्नोत्तरी एवं डिबेट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया और पुरस्कार वितरण किया गया। व्याख्यान प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार कौशिक विश्वकर्मा द्वितीय पुरस्कार निधि शर्मा तथा तृतीय पुरस्कार आंशिक मौर्या को मिला।  प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता सही जवाब देने पर अमीषा पटेल, वंदना, रीता यादव, कौशिक विश्वकर्मा, दीक्षा सिंह, आंचल वर्मा, सरिता पटेल एवं संजना पटेल को पुरस्कृत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन काशी दर्शन डीयू महाविद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. रीता पटेल ने किया । इस अवसर पर मिथुन विश्वकर्मा, नागेंद्र सहित लगभग 250 छात्र एवं छात्राओं ने प्रतिभाग किया |

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