राउरकेला।सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी), द्वारा स्थायी आजीविका और आर्थिक सशक्तीकरण के लिए अपनी निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल के तहत पर्श्वांचल समुदायों की महिलाओं के लिए एप्लिक सिलाई तकनीक में व्यावसायिक कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह प्रशिक्षण 6 मई, 2025 को राउरकेला के सेक्टर-20 स्थित पर्श्वांचल विकास संस्थान में शुरू हुआ।
मुख्य महाप्रबंधक (नगर सेवाएँ एवं सीएसआर), टी जी कानेकर ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। इस अवसर पर जीएम प्रभारी (सीएसआर), मुनमुन मित्रा, सहायक महाप्रबंधक (सीएसआर) टी बी टोप्पो, के साथ विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे। बानीगुनी आदर्श ग्राम ,झीरपानी पुनर्वास कॉलोनी, पुरनापानी पर्श्वांचल गांव और आसपास की औद्योगिक झुग्गी बस्तियों की कुल 10 महिलाओं ने 60 कार्य दिवस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में नामांकन कराया है।
इस पहल का उद्देश्य इन महिलाओं को अपने परिवारों के लिए पूरक आय अर्जित करने, ऋण, सब्सिडी और बीमा के लिए सरकारी योजनाओं तक पहुँच बनाने और दीर्घकालिक कमाई क्षमता को बढ़ाने के लिए कारीगर प्रमाणन प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।
कार्यक्रम का एक अनूठा पहलू यह है कि इसका ध्यान प्रशिक्षुओं को भविष्य के प्रशिक्षकों के रूप में विकसित करने पर है, जिससे उनके समुदायों के भीतर प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा। प्रशिक्षण का संचालन पुरस्कार विजेता मास्टर ट्रेनर कृष्ण चंद्र महंती द्वारा किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धांजली महंती भी सहायता कर रही हैं।
कार्यक्रम का समन्वयन प्रबंधक (सीएसआर), ऋचा सुद्धिराम द्वारा किया जा रहा है इसमें बुनियादी तौर पर हाथ से सिलाई, डिज़ाइन ट्रेसिंग और कटिंग तकनीक, पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के एप्लिक तरीकों, कपड़े के समन्वय और उत्पाद निर्माण को शामिल किया जाएगा। प्रतिभागियों को रूमाल, कुशन कवर, बेड कवर, वॉल हैंगिंग, साड़ी बॉर्डर, छोटे बैग और इसीप्रकार के कई चीज़ें बनाना भी सिखाया जाएगा। इस पाठ्यक्रम में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण, उद्यमिता, लागत निर्धारण, ब्रांडिंग और बाजार लिंकेज पर प्रशिक्षण भी शामिल है।

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