स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लक्ष्य को निर्धारित समय में किया जाये पूर्ण- जिलाधिकारी

जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की डीएम ने की समीक्षा
सोनभद्र। जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुयी। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्माण कार्यों का अनुश्रवण और निर्मित कार्यों का वास्तविक उपयोग, विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों में ई0डी0एल0 के मानक के अनुसार दवाइयों की उपलब्धता, एन0एच0एम0 के तहत संविदा चिकित्सकों की तैनाती की स्थिति, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, नियमित टीकाकरण, मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, रोगी कल्याण समिति की बैठकों की स्थिति, एम्बुलेंस सेवाएं, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन आदि बिंदुओं की बारी-बारी से गहनता से समीक्षा की गयी।
 श्री सिंह ने आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्यों की समीक्षा की, तो आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रगति काफी धीमी पायी गयी और आयुष्मान कार्ड के नोडल अधिकारी बिना सूचना के बैठक में अनुपस्थित मिले, जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने वेतन भुगातन के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें। उन्होंने कहा कि जनपद में संचालित चिकित्सालयों का निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन कराया जाये, सत्यापन में अगर बिना रजिस्टर्ड/अवैध रूप से संचालित चिकित्सालय पाया जाता है, तो सत्यता की जॉच कराते हुए सम्बन्धित के खिलाफ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। 
   बैठक के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि कुछ मेडिकल पर मेडिकल स्टोर के आड़ में प्रैक्टिस किया जा रहा है और बिना रजिस्ट्रेशन के पैथालाजी का भी संचालन किया जा रहा था, जो पूर्णतया अवैध है। ऐसे पैथोलॉजी व मेडिकल स्टोर का स्थलीय सत्यापन करते हुए विधिक कार्यवाही करने के साथ ही नोटिस जारी किया जाये। नेत्र इलाज के निर्धारित लक्ष्य 700 के सापेक्ष 3 नेत्र सर्जन द्वारा कुल 516 मरीजों का ही इलाज हो पाया था, जो लक्ष्य से काफी कम है, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सी0एम0एस0 को निर्देशित किया गया कि सम्बन्धित नेत्र सर्जन के खिलाफ स्पष्टीकरण जारी करते हुए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्रगति में तेजी लाया जायें। समीक्षा के दौरान निजी चिकित्सालयों के नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि प्राइवेट चिकित्सालयों का रोस्टर बनाकर निरीक्षण किया जाये और उसकी मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए जिन अस्पतालों में मौके पर डॉक्टर उपलब्ध न हो उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
  समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी गर्भवती महिला की मृत्यु हो जाती है तो उसकी सूचना जिस व्यक्ति के द्वारा सम्बन्धित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या किसी के माध्यम से दिये जाने पर एक हजार रूपये का प्रोत्साहन सम्बन्धित को उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार, ए0सी0एम0ओ0, जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण, जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत सिंह सहित अन्य संबंधित गण उपस्थित रहें।

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