*विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए महिलाओं का आर्थिक सशक्त होना बहुत आवश्यक है: केंद्रीय राज्य मंत्री*
वाराणसी : केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने शनिवार को वाराणसी के कमिश्नरी सभागार में आयोजित “एमएसएमई सेवा पर्व 2025” के अंतर्गत “विरासत से विकास पर महिला परिचर्चा” को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने जनपद की विभिन्न क्षेत्रों से आई महिला लाभार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि महिलाएं स्वयं को केवल रसोई तक सीमित न रखें, वरन आर्थिक उपार्जन और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जब एक महिला कमाती है तो पूरा परिवार के साथ ही साथ राष्ट्र सशक्त होता है।
राज्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और महिलाओं से तकनीकी एवं कौशल प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महिला शिक्षित और कौशलयुक्त होंगी तभी विकसित भारत की संकल्पना सिद्ध होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) की विस्तार से जानकारी दी और बताया कि यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित कर रोजगार के अवसर सृजित कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई ‘लखपति दीदी’ पहल की सराहना की, जिसके माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने क्षेत्र में उन्नति के नए आयाम गढ़ रही हैं। “विरासत से विकास महिला परिचर्चा” में आईं महिलाओं ने वार्ता सत्र में अपने अपने अनुभव केंद्रीय राज्य मंत्री के साथ साझा की।

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