उन्नीस वर्षीय किशोरी के साथ 23 लोगों द्वारा किये गए दुर्दांत गैंगरेप के खिलाफ बनारस की महिलाएं उतरी सड़क पर

प्रधानमंत्री मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पर आज ज्ञापन नही देने दिया गया, 100 मीटर पहले ही रोक दिया गया और ये बहुत दुखद है कि आज हम महिलाओं को ज्ञापन नही देने दिया गया, वहाँ मौजूद पुलिस का कहना था कि ऊपर से प्रेशर है, तो क्या सरकार हम कुछ महिलाओं के ज्ञापन देने से डर गई? क्या हमारा लोकतांत्रिक अधिकार भी हमसे छीन लिया जाएगा?

वाराणसी। आज दिनाँक 09 अप्रैल 2025 को 19 वर्षीय युवा किशोरी खिलाड़ी से बनारस में हुए दुस्साहसिक सामूहिक बलात्कार कांड पर महिलाओं ने आक्रोश व्यक्त किया। दख़ल, ऐपवा, आइसा और अन्य नागरिक समाज के महिलाओं लड़कियों ने प्रधानमंत्री मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पर पंहुचकर ज्ञापन पत्र सौंपकर त्वरित न्याय और समुचित चिकित्सा की माँग की। 

ज्ञातव्य है कि बनारस के पांडेपुर इलाके में रहने वाली 19 वर्षीय किशोरी के साथ गत 29 मार्च से 3 अप्रैल तक 23 लोगों के द्वारा दुस्साहसिक गैंगरेप की घटना लालपुर पांडेपुर थाने में दर्ज हुई है। उक्त दुर्दांत घटना के खिलाफ बनारस के संगठन,दख़ल, एपवा और आइसा के द्वारा आज प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय पर ज्ञापन पत्र सौंपकर कार्यवाही की मांग की गई।

ज्ञापन सौंपते हुए आइसा से जुड़ी BHU छात्रा ने कहा कि प्रधामंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हाल में 19 साल की किशोरी के साथ हुआ विभत्स बलात्कार कांड ये साबित कर रहा है कि स्मार्ट सिटी काशी में भी महिलाएं सुरक्षित नही है।

19 वर्षीय किशोरी को 29 मार्च से 3 अप्रैल के बीच अगवा कर 23 लोगों द्वारा बलात्कार किया गया। बहुत हीलाहवाली के बाद पांडेपुर थाने में शिकायत दर्ज की गई है। अभी तक 9 बलात्कारियों की गिरफ्तारी हुई है। अन्य अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। 

दख़ल की ओर से इन्दु ने कहा कि एक आरोपी के बारे में मिडीया में खबर है कि वो पहले भी सेक्स रैकेट संचालन में आरोपी है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में ऐसे महिलाओं के शोषण के काम होना और अपराधियों पर नकेल न कसा जाना शर्मनाक है।

डिप्टी जेलर मीनू कन्नौजिया स्वयं बनारस जेलर उमेश सिंह पर उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी है। बनारस में लगातार महिला उत्पीड़न की घटनाएं हो रही है और पुलिस प्रशासन की लापरवाही, केस को दबाना, पीड़ित परिवार को ही दोष देना, लड़की में कमी निकालना आदि ये शासन प्रशासन के कामकाज पर सवाल उठा रहा है।

ऐपवा की ओर से कुसुम वर्मा ने कहा कि कुछ दिन पहले सासाराम की रहने वाली नाबालिग किशोरी की हत्या और भेलुपर में एक नागबलिग किशोरी की लाश मिलना बनारस को असुरक्षित बना रहा है। जब प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र ही सुरक्षित नही है तो पूरे देश के जो हालात है महिलाओं के लिए उसपे कितना काम ये सरकार कर पायेगी ये सोचने का विषय है।

हम बनारस की महिलाएं अपने ही शहर में डर के साये में जी रही है, सरकार का नारा है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन जब बेटियां सुरक्षित ही नही है तो पढेंगी कहा से और आगे कहा से बढ़ेंगी, इस घटना को लेकर बनारस की हम महिलाएं बहुत गुस्से में है कि अगर सरकार ने कोई ठोस कदम नही लिया तो हमे सड़क पर उतरना होगा।

ज्ञापन में हमारी मुख्य मांगे है… 1.पीड़िता को उच्च मेडिकल सुविधा वाले अस्पताल में ट्रांसफर कर इलाज की व्यवस्था प्रदान की जाय।

2. सभी बलात्कारियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेज कड़ी से कड़ी सजा की गारंटी की जाय।

3. थाने में शिकायत दर्ज कराने में हीलाहवाली करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कानूनी करवाई की जाए।

आज के ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से.इन्दु, कुसुम वर्मा, विभु, अनामिका,स्मिता बागड़े, विभा प्रभाकर, विभा वाही, अनन्या, रूमान, मिहिर, प्रियंका  इत्यादि शामिल रहे।

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