विशाखापट्टनम रिवर्स क्रेता-विक्रेता बैठक से एमएसएमई के लिए उत्साहवर्द्धक निर्यात अवसर सामने आए

18 देशों के 25 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और 430 से अधिक एमएसएमई निर्यातकों  ने एक साथ बैठक में भाग लिया, इनमें से 196 प्रथम बार के निर्यातक थे

नई दिल्ली। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सहयोग से आंध्र प्रदेश एमएसएमई विकास निगम (एपीएमएसएमई डीसी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय रिवर्स क्रेता-विक्रेता बैठक (आरबीएसएम) विशाखापट्टनम में 19 फरवरी, 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस बैठक में 18 देशों के 25 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और 430 से अधिक एमएसएमई निर्यातकों ( इनमें से 196 प्रथम बार के निर्यातक थे) ने एक साथ बैठक में भाग लिया जो निर्यात अवसरों के लिए एक गतिशील मंच सिद्ध हुआ।

आरबीएसएम का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य सचिव डॉ. एन युवराज, आईएसएस ने किया जिन्होंने आंध्र प्रदेश के निर्यात विकास एवं आर्थिक वृद्धि को प्रेरित करने में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। सचिव ने लॉजिस्ट्क्सि लागत में कमी लाने के लिए उद्योगों की सहायता करने के उद्देश्य से आंध्र प्रदेश सरकार की विभिन्न व्यापार संवर्द्धन पहलों तथा महत्वूपर्ण ढांचागत विकास को दिए गए फोकस पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच प्रदान करने के लिए एमएसएमई को अवसर प्रदान करना था। डॉ. युवराज ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा निष्पादित की जा रही विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं के बारे में भी चर्चा की।

एपीएमएसएमई डीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्व एम ने समापन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने निर्यात संवर्द्धन योजनाओं, वित्तीय सहायता और व्यवसाय करने की सुगमता पहलों सहित कई नीतियां और प्रोत्साहन आरंभ किए हैं। आंध्र प्रदेश अपनी रणनीतिक तटीय स्थान, मजबूत बुनियादी ढांचे तथा गतिशील औद्योगिक इकोसिस्टम के साथ भारत के निर्यात परिदृश्य में एक प्रमुख राज्य के रूप में उभरा है।

इस सत्र में 70,66,250 अमेरिकी डॉलर का संभावित कारोबार हुआ। इसमें पहली बार निर्यात करने वाले 38 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे लगभग 29,28,000 अमेरिकी डॉलर का कारोबार हुआ।

 फियो साउथ के रीजनल चेयरमैन, गोपालकृष्णन ने समापन सत्र के दौरान प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 में आंध्र प्रदेश से निर्यात 19.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा, जो भारत के निर्यात में 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। उन्होंने भारत भर में पिछले सफल बी2बी के आयोजन में फियो के अनुभव को साझा किया और कहा कि आंध्र प्रदेश में कम समय में भारत के निर्यात बास्केट का 10 प्रतिशत हासिल करने की क्षमता है।

आरबीएसएम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित गतिविधियों पर समानांतर सत्र आयोजित किए गए, जिसमें वैश्विक बाजार के रुझान, निर्यात रणनीतियों और एमएसएमई को समर्थन देने के लिए सरकारी पहल, वैश्विक बाजारों में परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं आदि पर जानकारी दी गई।

इस कार्यक्रम ने निर्यातकों और खरीदारों को जुड़ने, विचारों का आदान-प्रदान करने और संभावित सहयोग तलाशने के लिए एक मंच प्रदान किया।

इस आयोजन का एक और मुख्य आकर्षण यह था कि कई स्वयं सहायता समूहों और एफपीओ को अपने उत्पादों को वैश्विक बाजारों में पेश करने का अवसर मिला। प्रतिभागियों में से एक आदिवासी महिला बहुउद्देशीय पारस्परिक सहायता सहकारी समिति, विशाखापट्टनम थी, जो पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी महिलाओं से उत्पाद खरीदती है। इससे उन्हें अपने उत्पाद के लिए अधिक मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। अन्य लाभार्थियों में गोदावरी नारियल उत्पादक संघ, दिविसीमा फेडरेशन किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड, नंदना एग्रो किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड और गर्थपुरी किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड शामिल हैं, जो सीधे कृषि और प्रसंस्कृत उत्पादों का निर्यात करते हैं। फियो  के संयुक्त महानिदेशक के उन्नीकृष्णन ने सारांश प्रस्तुत किया और धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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