कुम्भ में विभिन्न सांस्कृतिक मंचों पर देखने को मिल रहे भारतीय संस्कृति के विविध रंग

संस्कृति विभाग के विभिन्न पण्डालों में पहुंच रहे लाखों श्रद्धालु

लखनऊ : महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे लाखों-कराड़ों श्रद्धालओं एवं पर्यटकों के बीच आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं संस्कृति विभाग द्वारा निर्मित कला कुम्भ एवं विभिन्न सांस्कृतिक मंचों पर भारतीय संस्कृति के विविध रंग देखने को मिल रहे हैं। प्रयागराज में चार पंडाल-गंगा, यमुना, सरस्वती एवं त्रिवेणी पंडाल एवं 20 सांस्कृतिक मंच बनाये गये हैं। 

सेक्टर-7 में भारद्वाज मार्ग एवं कैलाशपुरी चौराहे पर लगभग 2 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में संस्कृति विभाग द्वारा कला कुम्भ बनाया गया है। विशाल प्रांगण में संस्कृति विभाग, संग्रहालय निदेशालय, पुरातत्व निदेशालय, भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय, राजकीय अभिलेखागार, संगीत नाट्य अकादमी, ललित कला अकादमी और लोक जनजाति एवं कला संस्थान की ओर से ज्ञानवर्धक प्रदर्शनियां लगाई गई हैं, जो आकर्षक होने के साथ साथ ज्ञानवर्धक भी हैं। 

लोक कला एवं जनजाति संस्थान द्वारा भारत की जनजातियों के वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी को देखने के लिए भी लोगों की भारी भीड़ एकत्रित हो रही है। इतना ही नहीं यहां बने मंचों पर शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला अनवरत चल रहा है। यहां विभिन्न कलाकार अपने नृत्य, संगीत एवं नाटिकाओं के माध्यम से अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। संस्कृति विभाग एवं संग्रहालय निदेशालय द्वारा ए0आर0 एवं वी0आर0 के माध्यम से 3 डी वीडियो प्रस्तुत की जा रही हैं, जो युवाओं और बच्चों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं। 09 फरवरी को 20,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने कला कुम्भ में प्रतिभाग किया। यहां आयोजित कराए जा रहे क्विज़ में बच्चे बढ़ चढ़कर प्रतिभाग कर रहे हैं। 

माननीय मंत्रीजयवीर सिंह जी की अनूठी पहल ही है कला कुम्भ एवं विविध रंगों, कला एवं नृत्य से सराबोर सांस्कृतिक मंच, जिसका उद्घाटन स्वयं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने किया था। इस पहल के द्वारा ही हमारी युवा पीढ़ी एवं बच्चे मनोरंजक तरीके से देश की संस्कृति एवं सभ्यता से अवगत हो रहे हैं।

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