03
Feb
मनोज पांडेय महाकुंभनगर। बसंत केवल ऋतु परिवर्तन का नहीं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में नवचेतना और रचनात्मकता का प्रतीक है। हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का खास महत्व है। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी जाता है। बसंत पंचमी हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी विद्या, बुद्धि, ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती के प्रकाट्य का पर्व है। शैव संप्रदाय के श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के जगद्गुरू, सूर्याचार्य कृष्णदेवनंद गिरी महराज ने कहा कि धर्म, अध्यतम, सभ्यता-संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान, कला-साहित्य सहित सभी क्षेत्रों…
