सीएमडी आर.के. विश्नोई ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए कमीशनिंग टीम और संपूर्ण केएसटीपीपी टीम को बधाई दी
बुलंदशहर। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) की प्रमुख परियोजना खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (KSTPP) ने विश्वसनीय और किफायती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता की यात्रा में एक और मील का पत्थर जोड़ा है। दिनांक 18 सितम्बर 2025 को 660 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट-2 ने सफलतापूर्वक पूर्ण लोड संचालन प्राप्त किया, जो भारत की ऊर्जा अवसंरचना को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) आर.के. विश्नोई ने कहा, “यह उपलब्धि केवल एक तकनीकी सफलता ही नहीं, बल्कि देश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की कंपनी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह सफलता भारत के उभरते ऊर्जा परिदृश्य में नया उत्साह और आत्मविश्वास भरने वाली है।”
यह उपलब्धि यूनिट-1 के सफल कमीशनिंग और स्थिरीकरण के बाद हासिल हुई है, जिससे परियोजना अपनी कुल स्थापित क्षमता 1320 मेगावाट (2×660 मेगावाट) के और करीब पहुँच गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जी ने 09 मार्च 2019 को खुर्जा एसटीपीपी का शिलान्यास किया था। इसी वर्ष 26 जनवरी 2025 को केएसटीपीपी की यूनिट-1 का वाणिज्यिक परिचालन (सीओडी) घोषित किया गया और 30 जून 2025 को प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रथम यूनिट राष्ट्र को समर्पित की गई। कुछ ही महीनों बाद, 28 अगस्त 2025 को यूनिट-2 का राष्ट्रीय ग्रिड से सफलतापूर्वक समन्वय किया गया। अब यूनिट-2 द्वारा पूर्ण लोड संचालन प्राप्त करने से केएसटीपीपी ने न केवल अपनी तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन किया है, बल्कि अपने अभियंताओं, कार्मिकों, संविदाकारों और परियोजना से जुड़े सभी हितधारकों की निष्ठा और सामूहिक प्रयासों को भी उजागर किया है।
पूर्ण लोड तक की प्रगति सभी सुरक्षा और संचालन प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सटीकता के साथ संपन्न की गई। यह उपलब्धि उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश एवं पड़ोसी राज्यों में बिजली की उपलब्धता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगी। इससे क्षेत्र में उद्योगों, कृषि, घरेलू उपभोक्ताओं की बढ़ती विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा के व्यापक लक्ष्य में योगदान मिलेगा। खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट न केवल भारत की बढ़ती ऊर्जा क्षमता का प्रतीक है बल्कि थर्मल पावर क्षेत्र में उसकी तकनीकी प्रगति का भी प्रमाण है। अत्याधुनिक उपकरणों, आधुनिक नियंत्रण प्रणालियों तथा कड़े पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों के अनुपालन के साथ केएसटीपीपी देश के सबसे आधुनिक और दक्ष ताप विद्युत संयंत्रों में शुमार है।
कुमार शरद, कार्यकारी निदेशक (परियोजना), जो इस अवसर पर उपस्थित थे, ने कहा कि यह उपलब्धि केएसटीपीपी टीम के सतत प्रयासों से संभव हुई। उन्होंने बताया कि यह मील का पत्थर परियोजना टीम की अथक मेहनत और पेशेवर दक्षता का प्रमाण है, जिन्होंने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद समयसीमा का पालन सुनिश्चित किया। उन्होंने टीम को इस महत्वपूर्ण सफलता के लिए पूर्ण श्रेय दिया और आगे बताया कि बहुत शीघ्र ही यूनिट-2 का वाणिज्यिक परिचालन (सीओडी) घोषित किया जाएगा।
सीएमडी आर.के. विश्नोई ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए कमीशनिंग टीम और संपूर्ण केएसटीपीपी टीम को बधाई दी। उन्होंने भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय, उत्तर प्रदेश राज्य सरकार तथा परियोजना से जुड़े सभी सहयोगी संस्थानों से प्राप्त निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि टीएचडीसीआईएल की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगी और भारत के विश्वसनीय एवं आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य के विज़न को साकार करने में योगदान देगी। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में कुमार शरद, कार्यकारी निदेशक (परियोजना); बी.के. साहू, महाप्रबंधक (ओ एंड एम); आर.एम. दुबे, महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल); संदीप भटनागर, महाप्रबंधक (वित्त); शैलेश ध्यानी, ओएसडी (मैकेनिकल); मुकुल शर्मा, उपमहाप्रबंधक (सिविल/टीजी); अनिल त्यागी, उपमहाप्रबंधक (डब्ल्यूटीपी); एन.के. भट्ट, उपमहाप्रबंधक (विजिलेंस); आई.डी. तिग्गा, उपमहाप्रबंधक (विधि); दिलीप कुमार द्विवेदी, उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन); विजय बिष्ट, राजेश यादव, अरविंद यादव, पी.के. नौटियाल और रमेश चंद्र सम्मिलित थे। इसके अतिरिक्त एनटीपीसी कंसल्टेंसी, बीएचईएल, एलएमबी, स्टैग एवं जीई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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