शो पीस बन कर रह गया मान्यता प्राप्त पत्रकारों हेतु आयोजित दो दिवसीय आयुष्मान कार्ड शिविर 

 प्रदेश भर के अधिकांश पत्रकारों का सूची में नाम ही नहीं, सूचना निदेशालय अभी तक स्वीकृत नहीं करा पाया लिस्ट

वाराणसी के मान्यता प्राप्त पत्रकारों का एक भी नाम शामिल नहीं ,

चन्दौली, सोनभद्र, भदोही, जौनपुर , सम्भल, आदि जनपदों सहित राज्य मुख्यालय के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को बेरंग लौटना पड़ा 

जनपदों में नहीं भेजी गई थी लिस्ट, किसी को पता नहीं उनका नाम लिस्ट में है या नहीं, पहुंचने पर दिखाई जा रही थी एक सौ तिरपन पेज की लिस्ट, खानापूर्ति बना आयुष्मान कार्ड शिविर 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मान्यता प्राप्त पत्रकारों (राज्य एवं जनपद स्तरीय) एवं उनके आश्रितों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत चिकित्सा का लाभ सुगमता से दिलाने के उद्देश्य से 21 एवं 22 अगस्त, 2025 को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मुख्यालय लखनऊ के सभागार में दो दिवसीय शिविर स्टेट हेल्थ एजेंसी (सांचीज़) की सीईओ सुश्री अर्चना वर्मा के नेतृत्व में टीम द्वारा आयोजित किया गया था।

अपर निदेशक सूचना अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि आयोजित शिविर में लगभग 400 राज्य एवं जनपद स्तरीय मान्यता प्राप्त पत्रकारों ने बीआईएस (लाभार्थी पहचान प्रणाली) डेटाबेस में उपलब्ध डाटा में अपने एवं आश्रितों का संशोधन एवं ई-केवाईसी करवाया। उन्होंने कहा कि अब मान्यता प्राप्त पत्रकार बन्धु आधार कार्ड के अनुरूप अपडेटेड सक्षम स्तर से अनुमोदन के पश्चात नया आयुष्मान कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत चिकित्सा लाभ प्राप्त करने में उनको किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों एवं उनके आश्रितों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत प्रति वर्ष 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

स्थिति यह रही कि प्रदेश के जिला सूचना कार्यालयों से जो लिस्ट सूचना निदेशालय को भेजी गई उसमें कई बार सुधार कराया गया फिर भी लिस्ट फाइनल नहीं हुई और अधिकांश पत्रकारों का कार्ड ही नहीं बन पाया। नाम जुड़वाने के लिए सैकड़ों पत्रकार मुख्यालय पहुंचे मगर उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं था। विभाग की ओर से भी उन्हें संतोष जनक उत्तर नहीं दिया गया। जिस शिविर को जिले अथवा मंडल स्तर पर लगवाना चाहिए उसे मुख्यालय पर लगा कर खाना पूर्ति कर दी गयी।

जिला सूचना कार्यालयों को भी पता नहीं है कि किन किन पत्रकारों को चिकित्सा सुविधा के लिए कार्ड बना है किनका नहीं।

 स्टेट हेल्थ एजेंसी के कर्मचारियों ने साफ कर दिया कि सूची के अलावा वह किसी का कुछ नहीं कर सकते जिन पत्रकारों का नाम नहीं है वे सूचना विभाग से सम्पर्क करें। 

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