मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रादेशिक सहकारी डेयरी फेडरेशन द्वारा संचालित तीन डेयरी प्लाण्ट (कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज) तथा अम्बेडकरनगर स्थित पशु आहार निर्माणशाला के संचालन हेतु राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान सम्पन्न
दुग्ध विकास के क्षेत्र में उ0प्र0 में महिला सशक्तिकरण को नया आयाम मिला
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर आज उनकी उपस्थिति में प्रादेशिक सहकारी डेयरी फेडरेशन (पी0सी0डी0एफ0) द्वारा संचालित तीन डेयरी प्लाण्ट (कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज) तथा अम्बेडकरनगर स्थित पशु आहार निर्माणशाला के संचालन हेतु राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एन0डी0डी0बी0) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एम0ओ0यू0) का आदान-प्रदान सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के दुग्ध क्षेत्र को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से सशक्त और किसानों के लिए लाभकारी बनाने की दिशा में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। एन0डी0डी0बी0 को संचालन सौंपे जाने से इन इकाइयों में तकनीकी दक्षता, पारदर्शिता और व्यावसायिकता के नए मानक स्थापित होंगे, साथ ही प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को समयबद्ध भुगतान, बेहतर मूल्य और स्थायी विपणन की सुविधा प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने, पशुधन आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त उत्पाद उपलब्ध कराने हेतु पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। एन0डी0डी0बी0 जैसे दक्ष एवं अनुभवी संस्थान को संचालन सौंपे जाने से इन इकाइयों में तकनीकी कुशलता, व्यावसायिक पारदर्शिता और किसानों को प्रत्यक्ष लाभ सुनिश्चित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की पशुधन सम्पदा और दुग्ध उत्पादन की विशाल क्षमता को यदि नियोजित और वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए, तो उत्तर प्रदेश न केवल देश का अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्य बन सकता है, बल्कि वैश्विक डेयरी मानचित्र पर भी अपनी अलग पहचान स्थापित कर सकता है। एन0डी0डी0बी0 के साथ यह एम0ओ0यू0 उसी दिशा में एक ठोस, दूरदर्शी और व्यवहारिक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध विकास के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को नया आयाम मिला है। झांसी की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी सहित आगरा व गोरखपुर आदि जनपदों में दुग्ध विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने इसमें सहयोग के लिए एन0डी0डी0बी0 की भूमिका की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री की ओर से प्राप्त सहयोग के प्रति आभार जताया और उत्तर प्रदेश में एन0डी0डी0बी0 द्वारा संचालित विभिन्न दुग्ध विकास परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उत्तर प्रदेश के जिन तीन डेयरी प्लांट और एक पशु आहार निर्माणशाला के संचालन की जिम्मेदारी एन0डी0डी0बी0 को सौंपी गई है, वे आने वाले वर्षों में प्रदेश के सबसे लाभकारी और मॉडल इकाइयों के रूप में स्थापित होंगे।
प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास विभाग ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कानपुर स्थित डेयरी प्लाण्ट 160.84 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है, जिसकी प्रसंस्करण क्षमता 4 लाख लीटर प्रतिदिन है। इसी प्रकार, गोरखपुर डेयरी प्लांट 61.80 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है, जो प्रतिदिन 01 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण की क्षमता रखता है।
एन0डी0डी0बी0 को इन इकाइयों के संचालन सौंपे जाने से इनमें किसानों को समयबद्ध भुगतान, स्थानीय सहकारी समितियों की भागीदारी, संसाधनों का योजनाबद्ध उपयोग, उपकरणों की सुरक्षा तथा अनावश्यक व्यय में कटौती जैसे महत्वपूर्ण लाभ सुनिश्चित होंगे। इसके अतिरिक्त, युवाओं के लिए नए रोजगार सृजित होंगे और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता तथा उपलब्धता में भी सुधार आएगा। उल्लेखनीय है कि इस मॉडल के अन्तर्गत राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा और राजस्व साझेदारी का लाभ भी राज्य एवं किसानों को समान रूप से मिलेगा।

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