चंदौली। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि जनपद के किसान भाइयों को अवगत कराना है कि रबी सीजन चल रहा है। जिसमें सरसों, चना, मटर आदि की बुआई हो चुकी है तथा गेहूँ की भी बुआई लगभग 70 प्रतिशत हो चुकी है और अभी भी गेहूँ की बुआई चल रही है। सभी किसान भाईयों को गेहूँ की बुआई के लिए उर्वरक के लिए कोई भी असुविधा न हो उसके लिए जनपद में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की व्यवस्था करायी गयी है। रबी सीजन में अब तक 01 अक्टूबर से यूरिया 9041.336 मै०टन, डी०ए०पी० 9454.300 मै०टन, एम०ओ०पी० 145.400 मै०टन, एन०पी० के० 1856.600 मै०टन तथा एस०एस०पी० 1931.600 मै०टन० का वितरण किया जा चुका है। जनपद में 14399 मै०टन यूरिया, 4596 मै०टन डी०ए०पी०, 371 मै०टन एम०ओ०पी०, 4026 मै०टन एन०पी०के० एवं 6213 मै०टन एस०एस०पी० उपलब्ध है, जिसके अन्तर्गत साधन सहकारी समितियों पर 1085 मै०टन यूरिया, 931 मै०टन डी०ए०पी० तथा 392 मै०टन एन०पी० के० उपलब्ध करा दिया गया है तथा जिन भी समितियों पर उर्वरक की आवश्यकता हो रही है वहा भी तत्काल जिलाधिकारी महोदय से उर्वरक आवंटन पर अनुमोदन कराकर भेजा जा रहा है। सभी किसान भाईयों को अवगत कराना है कि एक हेक्टअर क्षेत्रफल के लिए अधिकतम 07 बोरी यूरिया तथा 05 बोरी डी०ए०पी० ही देय है। आप लोग अपने फसल के अनुसार वैज्ञानिक आधार पर संस्तुति मात्रा के अनुसार ही उर्वरक का प्रयोग करें। इसके अलावा सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि अपने स्टाक एवं वितरण रजिस्टर को हमेशा अपडेट रखे तथा वितरण रजिस्टर पर अनिवार्य रूप से कृषक के खतौनी का क्षेत्रफल अंकित करें तथा किसानों को निर्धारित दर पर ही उर्वरक की बिक्री करने के साथ- साथ कृषकों को अनिवार्य रूप से बिक्री रसीद देना सुनिश्चित करें। किसान बन्धुओं को उनके सहमति के आधार पर अन्य उत्पाद दे, यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा किसी किसान बन्धु को उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद उसके सहमति के बिना या उर्वरक निर्धारित दर से अधिक दर पर बिक्री की जाती है तो उसके खिलाफ उर्वरक गुण नियंत्रण अधिनियम 1985 के अधीन सख्त कार्यवाही की जायेगी।

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