राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर की अध्यक्षता में आयोजित हुई प्रदेश स्तरीय उच्चस्तरीय बैठक

बैठक में पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं की समीक्षा और भविष्य की दिशा पर चर्चा हुई

लखनऊ, / भारत सरकार के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष  हंसराज गंगाराम अहीर की अध्यक्षता में बुधवार को लखनऊ स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस में प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में आयोग के  सदस्य  भुवन भूषण कमल एवं सचिव  मीता राजीव लोचन भी उपस्थित रहीं।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष  राजेश वर्मा, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा तथा निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग डॉ. वंदना वर्मा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें। बैठक का उद्देश्य राज्य और केंद्र के बीच समन्वय स्थापित करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनाओं एवं नीतियों की समीक्षा और भविष्य की दिशा तय करना था।

बैठक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का संक्षिप्त इतिहास, स्थापना की पृष्ठभूमि और आयोग के कार्यों का सामान्य परिचय प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात आयोग द्वारा पिछड़े वर्गों के हित में किए जा रहे कार्यों और संवैधानिक दायरे में उसे प्राप्त शक्तियों की विस्तृत जानकारी दी गई। यह स्पष्ट किया गया कि आयोग न केवल शिकायतों के निस्तारण में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, बल्कि नीतिगत सुझावों एवं अनुसंधान कार्यों के माध्यम से भी सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने का कार्य कर रहा है। आयोग के संगठनात्मक ढांचे, कार्यप्रणाली, स्वीकृत एवं रिक्त पदों की स्थिति, स्टाफ की उपलब्धता और कार्यभार का भी तकनीकी रूप से विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। साथ ही आयोग को उपलब्ध बजट, वित्तीय प्रावधानों का उपयोग, आगामी आवश्यकता तथा राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक के समापन पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष  हंसराज गंगाराम अहीर ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़ा वर्गों के हित में उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की पहलें अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बन सकती हैं और आयोग राज्य के साथ मिलकर कार्य करने को पूरी तरह तत्पर है। आयोग द्वारा संकलित समस्त बिंदुओं को दस्तावेज़ रूप में संकलित कर भारत सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा तथा राज्य सरकार की ओर से प्राप्त सुझावों को भी यथासमय क्रियान्वयन हेतु संज्ञान में लिया जाएगा।

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