चन्दौली । जिला कृषि रक्षा अधिकारी स्नेह प्रभा ने बताया कि सैनिक कीट धान की फसल को बेहद नुकसान करने वाला रात्रिचर कीट है. इस कीट की सूड़ियां भूरे रंग की होती हैं जो दिन के समय किल्लों के मध्य अथवा भूमि की दरारों में छिपी रहती हैं। इस कीट की केवल सूड़ियां ही नुकसान पहुंचाती हैं जबकि पतंगे फूलों से रस चूसते हैं। ये सूड़ियां शाम के समय किल्लों अथवा दरारों से निकलकर पौधों पर चढ़ जाती हैं और पत्तों या बालियों को छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर नीचे गिरा देती हैं। इस समय बाली की अवस्था में इससे बहुत नुकशान देखने को मिल रहे हैं.
izcU/ku@mipkj%& किसान भाईयों! इस कीट द्वारा नुकसान करने की क्षमता इतनी अधिक होती है कि नियमित खेत की निगरानी करना नितांत आवश्यक है. निम्नलिखित प्रयासों से इस कीट द्वारा होने वाली क्षति को रोका जा सकता है-
1- यदि संभव हो तो खेत में प्रकाश प्रपंच लगाकर इस कीट के शलभ को नष्ट किया जा सकता है.
2- खेत के मेढ़ों को साफ़ रखें ताकि सूंडियों को छिपने को जगह न मिले.
3- यदि खेत में इसकी सूड़ियाँ बालियों को काटते दिखे तो खेत में जगह-जगह घास-फूस का ढेर रख दें जिसमे ये सूड़ियाँ छिपने के लिए आयेंगी और उन्हें हाथ या रासयनों द्वारा नष्ट कर दिया जायेगा.
4- क्लोरपाइरीफ़ॉस 50%साइपरमेथ्रिन 5% ई०सी० 45 मिली. और इमामेक्टिन बेंजोएट एसजी 8-10 ग्राम प्रति टंकी या थियामेथोक्सम 12.6%+लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 9.5% ZC 10 मिली. प्रति टंकी या फ्लुबेंडियामाइड 8.33 +डेल्टामेथ्रिन 5.6 SC की 8 मिली. मात्रा प्रति टंकी या फेनवेलरेट ०.4% पाउडर की 10 किग्रा मात्रा प्रति एकड़ की दर से किसी एक रसायन का छिडकाव कर सकते हैं.

गांव गिराँव हिंदी न्यूज़ पोर्टल पर आप – Latest Breaking News, देश, विदेश, खेल, मनोरंजन, राजनीति, क्राइम, ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, लाइफस्टाइल, क्रिकेट से सम्बंधित सभी समाचार प्राप्त करते है।
