वाराणसी, । क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय, वाराणसी में आज नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) के सदस्य कार्यालयों के लिए “सहकार से समृद्धि-भारतीय भाषाएँ एवं राजभाषा हिंदी: अंत: संबंध” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें नगर के विभिन्न केंद्र सरकार, उपक्रम, निकाय और संबद्ध कार्यालयों से आए अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया और अपने विचार रखे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रथम, नीरज श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदी क्षेत्र के अंतर्गत आने के बावजूद इस प्रकार की संगोष्ठियाँ हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की गतिविधियों के साथ-साथ 1 अगस्त 2025 से प्रारंभ हुई प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की जानकारी भी विस्तार से दी और अधिकारियों-कर्मचारियों से अपने-अपने कार्यालयों में कार्यरत पात्र संविदा कर्मियों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
इस मौके पर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-II, मारुति नंदन त्रिपाठी एवं सहायक भविष्य निधि आयुक्त, दिवाकर कुमार मिश्रा ने भी योजना की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
नराकास, वाराणसी के सदस्य कार्यालयों से आए अधिकारियों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहली बार है जब किसी सदस्य कार्यालय ने इस स्तर की संगोष्ठी का आयोजन किया है। आयकर विभाग के उपनिदेशक राजभाषा, हरी कृष्ण तिवारी समेत नगर के लगभग 35 वरिष्ठ अधिकारियों ने संगोष्ठी में सक्रिय सहभागिता की और आयोजन की सराहना की।
संगोष्ठी का संचालन निवेदिता एवं विशाल शर्मा ने संयुक्त रूप से किया, जबकि अंत में अनुवाद अधिकारी, अरविंद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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