सरस मेला” लखनऊ में : एक सांस्कृतिक और हस्तशिल्प के अद्वितीय संगम का आयोजन

लखनऊ / ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप , स्वयं सहायता समूहों  को प्रोत्साहित करने व समूहों की महिलाओं के आजीविका संवर्धन करते हुए उन्हें स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाये जाने के उद्देश्य से राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ” क्षेत्रीय सरस मेला” का भव्य आयोजन उत्तराखंड भवन, विभूति खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया है।इसी तरह रामकथा पार्क अयोध्या धाम में भी क्षेत्रीय सरस मेले का आयोजन किया गया है। अयोध्या में यह मेला 5 अप्रैल तक तथा उत्तराखंड भवन विभूति खण्ड गोमतीनगर में 8 अप्रैल 2025 चलेगा। यह मेला प्रतिदिन पूर्वाह्न 11 बजे‌‌ से रात्रि 10 बजे तक चल रहा है।

इस मेले  में हर उम्र के दर्शकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों का एक शानदार संग्रह प्रस्तुत किया जा रहा है। यह मेला विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय और पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है, जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लेकर बिहार, उत्तराखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम और केरल जैसे राज्यों की महिलाओं द्वारा बनाए गए विशिष्ट हस्तशिल्प उत्पाद भी शामिल हैं।

इस मेले में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों  के समूहों के उत्पाद  जैसे: प्रतापगढ़ का आँवला उत्पाद, कानपुर देहात की साड़ियाँ और सूट, गोरखपुर का टेराकोटा, उन्नाव की साड़ियां और सूट, और बागपत की प्रसिद्ध बेड शीट्स प्रदर्शित किए गए हैं।  राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार,इसके अलावा, बिहार से खिलौने, अचार, पापड़ और बैग, उत्तराखंड से सूत की गुड़िया, देसी गाय का घी और  दालें, ओडिशा से लेदर उत्पाद और हैंडीक्राफ्ट, केरल से लकड़ी के उत्पाद और साड़ियाँ, महाराष्ट्र से काजू और किशमिश, पंजाब से ज्वैलरी उत्पाद, और पश्चिम बंगाल तथा असम से रेडीमेड गारमेंट्स बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इस मेले का उद्देश्य न केवल शॉपिंग अनुभव को नया रूप देना है, बल्कि विभिन्न राज्यों की अद्वितीय संस्कृति और हस्तशिल्प को भी दर्शकों तक पहुंचाना भी  है। इस दौरान 

सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आकर्षक व मनमोहक कार्यक्रमो की प्रस्तुतियां की जा रही हैं। इस मेला में आने वाले दर्शकों के लिए  5 अप्रैल 2025 को लोकगीत प्रस्तुत करने वाली गायिका सुश्री अनीता  सिंह का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जो भारतीय लोकसंगीत के अद्वितीय रूपों का अनुभव प्रदान करेगा।

यह मेला न केवल शॉपिंग के लिए एक बेहतरीन अवसर है, बल्कि एक सांस्कृतिक यात्रा भी है, जिसमें हर कदम पर कला, संगीत, और हस्तशिल्प की विविधता देखने को मिलती है।  मेला 8 अप्रैल 2025 तक जारी रहेगा।आकर्षक और विविधतापूर्ण उत्पादों के साथ, यह मेला हर किसी के लिए  उपयोगी है—चाहे  शॉपिंग के शौक़ीन लोग हों या भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प के प्रेमी।

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