राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग में 29 जुलाई, 20255 को ढाई दिवसीय मानव संसाधन परिवर्तन कार्यशाला ‘सेल दर्पण’ का उद्घाटन किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में कार्यपलक निदेशक (मानव संसाधन), तरुण मिश्र, कार्यपलक निदेशक (संकार्य), बिस्वरंजन पलाई और कार्यपलक निदेशक (खान) एम.पी. सिंह, मंच पर उपस्थित थे। इस अवसर पर एम.आर. रथ, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) और मुख्य महाप्रबंधक (एच आर- एल एंड डी), पी के साहू के साथ ही आरएसपी के विभिन्न विभागों के लगभग 50 अधिकारी कार्यशाला में भागीदार के रूप में उपस्थित थे। र्यशाला का संचालन बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) द्वारा किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व प्रबंध निदेशक, वरुण केजरीवाल अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ कर रहे हैं।
अपने संबोधन में, मिश्र ने कहा कि मानव संसाधन किसी भी उद्योग में मशीनों, सामग्रियों और धन का प्रबंधन करने वाला सर्वोच्च संसाधन है। उन्होंने कहा, “कार्यशाला विचार सृजन और मौजूदा प्रणालियों में सार्थक परिवर्तन लाने के लिए एक मंच प्रदान करती है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पारदर्शिता, शिकायत निवारण और सुरक्षा संबंधी केपीआई एक मज़बूत मानव संसाधन ढाँचे के आवश्यक घटक हैं।
श्री पलाई ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ईपीएम्एस जैसी प्रणालियों में समय के साथ महत्वपूर्ण विकास हुआ है। उन्होंने प्रतिभागियों से अपने विचार खुलकर साझा करने का आग्रह किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि कार्यशाला के परिणाम व्यावहारिक और ज़मीनी स्तर पर लागू करने योग्य होने चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रदर्शन मापन यथार्थवादी और प्रासंगिक होना चाहिए।”
इस अवसर पर बोलते हुए, सिंह ने ‘दर्पण’ विषय पर विचार व्यक्त किए, जो आत्मनिरीक्षण का प्रतीक है। उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी भूमिकाओं पर विचार करने, अनुभव साझा करने और मानव संसाधन प्रथाओं को सेल के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ संरेखित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आगे कहा, “हमें अपने कर्मचारियों को उभरती तकनीकों को अपनाने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार करना होगा।”
पहल के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए, केजरीवाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कर्मचारी उत्पादकता को बढ़ाने में, विशेष रूप से सेल के विज़न 2030 को प्राप्त करने के संदर्भ में, मानव संसाधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कार्यशाला में जनशक्ति नियोजन, कार्य-चक्र, स्थानांतरण नीतियों और आधुनिक उद्योग मानकों के अनुरूप प्रणालियों को सुदृढ़ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अगले कुछ दिनों में, बेंचमार्किंग अध्ययनों, अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की सर्वोत्तम प्रथाओं और मौजूदा प्रक्रियाओं के विश्लेषण के आधार पर प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (कीपीआई) विकसित किए जाएँगे। महाप्रबंधक (मानव संसाधन- ओडी, टीए एवं सामान्य प्रशासन), एस बडपंडा और उप प्रबंधक (मानव संसाधन- ओडी), सुश्री सिम्पी पटेल ने उद्घाटन सत्र का समन्वय किया।

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