सेल, आरएसपी द्वारा बंडामुण्डा ग्राम-पंचायत की महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण शुरू 

राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी)  के सीएसआर  कार्यालय के पर्श्वांचल  विकास संस्थान में 11 दिसंबर 2025 को तीन चरणों वाले विशेष सिलाई प्रशिक्षण मॉड्यूल की शुरुआत हुई। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता महाप्रबंधक (सीएसआर),  बिभाबसु मलिक ने की।  इस अवसर पर उप महाप्रबंधक (सीएसआर),  आर एस बाड़ा, उप महाप्रबंधक (सीएसआर),  टी बी टोप्पो, सहयक महाप्रबंधक (सीयाआर),  बिनायक जेना,  ग्राम उत्थान के  गुरु प्रसाद महंती, उषा सिलाई स्कूल एवं ग्राम उत्थान के प्रतिनिधि तथा संगठन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। टी बी टोप्पो ने सभी का स्वागत किया, जबकि अनुभाग सहायक (सीएसआर), जाहिद अख्तर ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम का समन्वयन किया।

कार्यक्रम का उद्देश्य बिसरा प्रखंड के बंडामुण्डा ग्राम पंचायत की वंचित महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई के क्षेत्र में कौशल विकसित करना तथा वहाँ एक प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र (टीसीपीसी) की स्थापना करना है। इस योजना के तहत बंडामुण्डा की स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)  की 15 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 15 दिनों का पहला चरण हार्डवेयर प्रशिक्षण पर केंद्रित है, जिसमें सिलाई मशीन को बैठाने से लेकर  मरम्मत एवं सर्विसिंग, डिजाइनिंग एवं पैटर्न बनाना, माप तकनीक एवं कटिंग, सिलाई एवं टाँका लगाना, वस्त्र फिटिंग, हेमिंग एवं इंटरलॉकिंग, पैकेटिंग और कंसना जैसी विशिष्ट परिधान-संबंधी प्रशिक्षण शामिल हैं।

पहला चरण पूरा होने के बाद बंडामुंडा में सामान्य और व्यावसायिक  दोनों तरह की सिलाई मशीनों तथा एक बहु कार्यात्मक सिलाई मशीन के साथ एक प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र (टीसीपीसी) स्थापित किया जाएगा। दूसरा चरण छह महीने की अवधि के बाद 10 दिनों का रिफ्रेशर ऑनसाइट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम होगा। तीसरे चरण में, प्रशिक्षार्थियों को मूल्यवर्धन  के उपाय के तौर पर कटवर्क एप्लिक ट्रेनिंग में पुनः 10 दिनों की खास ट्रेनिंग दी जाएगी।

सिलाई प्रशिक्षण की यह पहल बंडामुण्डा ग्राम पंचायत की महिलाओं को सतत आजीविका के अवसरों से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रतिभागियों को व्यापक तकनीकी कौशल, व्यावहारिक अनुभव और कार्यक्रम के सभी तीन चरणों में सतत सहयोग प्रदान कर आरएसपी  आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता क्षमता को विकसित करने का लक्ष्य रखता है। प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र (टीसीपीसी) की स्थापना से प्रशिक्षुओं को अपने सीखे हुए कौशल को आय-सृजन गतिविधियों में परिणत करने में और भी सक्षम बनाया जाएगा, जिससे उनके समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा I

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