उर्वरक विक्रेता दुकान पर रेट बोर्ड व स्टाक का रिकार्ड करें अद्यतन – जिलाधिकारी

डीएम के निर्देश पर तीनों तहसीलों में टीमें गठित कर उर्वरक बिक्री की 18 केंदों पर की गई औचक छापेमारी

निरीक्षण में 06 उर्वरक के नमूने लिये गये एवं 03 दुकानों पर स्टाक एवं रेट बोर्ड में कमी पाये जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया

भदोही /जिलाधिकारी शैलेष कुमार की अध्यक्षता में उर्वरक की उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था से संबंधित बैठक कलेक्ट्रेट में आयोजित की गयी थी। बैठक में बालगोविंद शुक्ल मुख्य विकास अधिकारी, डा०अश्वनी कुमार सिंह उप कृषि निदेशक, इरम जिला कृषि अधिकारी भदोही,राम प्रकाश सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता उपस्थित रहे।

बैठक में उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि जनपद की समस्त सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के दुकानों पर यूरिया एवं डी०ए०पी० की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि उर्वरक बिकी दुकानों का समय-समय पर निरीक्षण करते रहें। जिलाधिकारी द्वारा ए०आर० कापरेटिव को निर्देश दिया गया है कि प्रतिदिन साधन सहकारी समितियों पर स्टाक एवं वितरण की समीक्षा करें। जिन समितियों पर डी०ए०पी० एवं एन०पी० के० का स्टाक उपलब्ध नहीं है उसकी उपलब्धता उसी दिन करायें, साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि समस्त साधन सहकारी समितियों पर कम से कम 10 मै०टन यूरिया तथा 05 मै०टन डी०ए०पी० की उपलब्धता रहे।

शासन एवं जिलाधिकारी शैलेष कुमार के निर्देश के कम में आज 16 जुलाई 2025 को उप जिलाधिकारी भदोही (न्यायिक) एवं जिला कृषि अधिकारी भदोही तथा उप जिलाधिकारी ज्ञानपुर (न्यायिक) एवं भूमि संरक्षण अधिकारी भदोही तथा उप जिलाधिकारी औराई (न्यायिक) एवं उप कृषि निदेशक भदोही के साथ संयुक्त टीम बनाकर जनपद के सहकारी एवं निजी उर्वरक बिकी केन्द्रों पर आकस्मिक छापेमारी की गयी। जिसमें जनपद में 18 उर्वरक बिकी केन्द्रों का निरीक्षण किया गया और 06 उर्वरक के नमूने लिये गये तथा न्यू मौर्या बीज खाद भण्डार जमुनीपुर भदोही, मे० मौर्या खाद भण्डार चौरी एवं मौर्या खाद भण्डार बरदहां के स्टाक एवं रेट बोर्ड में कमी पाये जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि उर्वरक की दुकान पर रेट बोर्ड, स्टाक का रिकार्ड अद्यतन करें। किसी भी प्रकार की ओवररेटिंग (अधिक मूल्य वसूली) नहीं करेगा तथा उर्वरकों के साथ किसी भी प्रकार की अनाधिकृत टैगिंग (अन्य सामग्री या उत्पाद को जबरन साथ बेचना) नहीं की जाएगी। यदि कोई विकेता इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके विरूद्ध उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत विधिसम्मत कठोर कार्यवाही की जायेगी। 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *