जन स्वास्थ्य अभियान इंडिया : वाराणसी सहित प्रदेश के 19 जिलों में सभी के लिए स्वास्थ्य अधिकारों की आवाज उठायी

विश्व स्वास्थ्य दिवस: सभी के लिए स्वास्थ्य अभी स्वास्थ्य अधिकार, हमारा अधिकार,

वाराणसी/लखनऊ: विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 2025 के अवसर पर, जन स्वास्थ्य अभियान इंडिया, उत्तर प्रदेश ने 19 जिलों में सभी के लिए स्वास्थ्य अधिकारों की संयुक्त आवाज उठायी। इस अवसर पर एक ज्ञापन आठ सूत्री माँग सहित महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और मुख्य मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को जिलों में कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से जिला और विकास खंड स्तर पर ज्ञापन दिया गया। जिले के नाम है , गोरखपुर , बस्ती ,संत कबीर नगर , महाराजगंज , बलिया , फिरोजाबाद , बलरामपुर , बहराइच , प्रतापगढ़ , वाराणसी , लखनऊ, बरेली , मुरादाबाद , अमरोहा , बिजनौर और मेरठ आदि जिलों में सम्बंधित अधिकारी को ज्ञापन दिया गया |

 जन स्वास्थ्य अभियान उत्तर प्रदेश के संयोजक संजीव सिन्हा ने कहा कि अल्मा-आटा घोषणापत्र में वर्ष 2000 तक ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ का वादा किया गया था, हालांकि 25 साल बाद भी यह पूरा नहीं हो पाया है । जन स्वास्थ्य अभियान इंडिया ने पूरे देश में विभिन्न सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से चर्चा, संवाद और कई दौर की बैठक कर स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और वर्तमान स्वास्थ्य की समस्याओं, सरकार की जन विरोधी नीतियों और चुनौतियों पर विमर्श किया साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु सुझाव को एकत्रित किया गया। संजीव सिन्हा ने बताया कि देश के पांच राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और झारखंड में सरकार जिला अस्पताल को निजी संस्थाओं को सौंपने की पहल कर रही है जो निजी मेडिकल कॉलेज खोल रही हैं, इसका भी मेडिकल डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता समूह, सामाजिक संगठन और नागरिक विरोध कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को जन केन्द्रित और मजबूत बनाने तथा सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को बचाने के लिए जन स्वास्थ्य अभियान भारत ने स्वास्थ्य के अधिकार कानून बनाने की मांग उठाई है।

जन स्वास्थ्य अभियान, इंडिया उत्तर प्रदेश के ओंकार नाथ , अजहर अली, कमल श्रीवास्तव, अर्जुन कुमार, भोला, अरविन्द कुमार, अब्दुल कादिर, जफ़र, सनी जी, नीरज, महेश सिंह, मुसाहिद अली, विनोद कुमार, मुजफ्फर, मोमिना परवीन, मरयम, अजय पटेल, राज कुमार गुप्ता, जी डी वर्मा, उमेश चौधरी, सोनिया आदि राज्य एवं जिला समूह के सदस्यों ने कहा कि, स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण को तुरंत रोक जाना चाहिए, इसका विरोध स्थानीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक हो रहा है। सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और विस्तारित करना चाहिए, स्वास्थ्य बजट को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5% तक बढ़ाना चाहिए और न केवल स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्रदान करके अपने नागरिकों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य के प्रमुख निर्धारक जैसे खाद्य सुरक्षा, सुरक्षित पेयजल, रोजगार, सुरक्षित वातावरण, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, महिला सुरक्षा, सुरक्षित कार्यस्थल आदि को प्राथमिकता दी जाए और उन पर ध्यान दिया जाए। करें और निजीस्वास्थ्य क्षेत्र में दर नियंत्रण और मानक उपचार दिशा-निर्देशों (Standard Treatment Guidelines) को लागू करें ।
इस अभियान के राष्ट्रीय संयोजक और सचिवालय टीम – अमिताव गुहा, चंद्रकांत यादव, राही रियाज, महजबीन भट, एस.आर. आजाद, गौरंगा महापात्र, संजीव सिन्हा, अमूल्य निधि, विशेषज्ञोंकासलाहकारसमूह – रितुप्रिया, जगदीश पटेल, वीणा शत्रुघ्न, प्रबीर चटर्जी, प्रफुल्ल सामंतरा आदि हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *