गो आश्रय स्थलों में पराग पशु आहार की आपूर्ति स्थानीय दुग्ध समितियों के माध्यम से कराई जाए
भूसा टेंडर में लापरवाही बरतने पर जनपद अमरोहा, बागपत, इटावा, शामली तथा मेरठ के अधिकारियों को चेतावनी
पराली के बदले में गोआश्रय स्थल से किसानों को गोबर की खाद उपलब्ध करायी जाए
जनपद स्तर पर प्रत्येक दुग्ध समिति की समीक्षा की जाए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गो आश्रय स्थलों में पराग पशु आहार की आपूर्ति स्थानीय दुग्ध समितियों के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाए। गोशालाओं में गो कास्ठ/मोक्ष दंडिका के उत्पादन हेतु सीएसआर फण्ड से मशीनें स्थापित की जाए, जिससे गोशालाओं का आर्थिक स्वावलम्बन हो सके। श्री सिंह ने कहा है कि भूसा टेंडर का कार्य तत्काल पूर्ण किया जाए अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जनपद अमरोहा, बागपत, इटावा, शामली तथा मेरठ के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को भूसा टेंडर कार्यों में लापरवाही बरतने पर सख्त चेतावनी देते हुए कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए।
पशुधन मंत्री ने कहा कि वर्तमान में किसानों के खेत से पराली इकट्ठा करके गौआश्रय स्थलों में बिछावन एवं कुट्टी काटकर आहार के रूप में प्रयोग कर लिया जाए। पराली के बदले में गोआश्रय स्थल से किसानों को गोबर की खाद उपलब्ध करायी जाए। जनपदों में पराली संग्रह का अभियान संचालित किया जाए। जनपदों में अच्छी गौशालाओं को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया जाए। गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगवाये जाए।
श्री सिंह ने दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में दुग्ध समितियों की समीक्षा की जाए। मुख्यालय से अधिकारी जनपदों में जाये और समितियों की बैठक कराए। जिन समितियों में जो भी समस्या आ रही है उसका तत्काल निदान करें और शासन को अवगत कराए। बंद दुग्ध समितियों को क्रियाशील कराया जाए। डीपीएमसीयू के फोटोग्राफ एवं सर्टीफिकेट भी मंगाये जाए, ताकि वास्तविक स्थिति की पूर्ण जानकारी हो सके।
बैठक में प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने मंत्री को आश्वस्त करते कहा कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों को अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध रूप से भूसा टंेडर कार्य पूर्ण करने, पशु आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करने, गौशालाओं में सभी आवश्यक व्यवस्थायें करने, टीकाकरण कार्यों, दुग्ध संघों की समीक्षा करने तथा किसानों एवं पशुपालकों को दुग्ध मूल्य का भुगतान नियमित रूप से एक सप्ताह के भीतर करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की उदासीनता एवं लापरवाही शासन स्तर पर स्वीकार्य नहीं होगी और संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। बैठक में विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र पाण्डेय, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 योगेन्द्र पवार, मुख्य कार्यकारी उ0प्र0 पशुधन विभाग डा0 प्रमोद कुमार सिंह तथा संयुक्त निदेशक पी0के0 सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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