भदोही/ जनपद में विकास खंड औराई के ग्राम पंचायत उपरौठ में नैनो उर्वरकों पर आधारित विकास खंड स्तरीय कृषक गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह वरिष्ठ वैज्ञानिक,कृषि विज्ञान केंद्र, बेजवां भदोही डॉ. विश्वेंदु द्विवेदी थे । कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, बेजवां भदोही से मृदा वैज्ञानिक ताराचंद बैरवा एवं नरथुआ केंद्र प्रभारी राजेंद्र जायसवाल थे । क्षेत्र अधिकारी इफको भदोही विमल कुमार जायसवाल द्वारा किसानो को किसानो को नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया प्लस के प्रयोग विधि एवं लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । नैनो डीएपी के 5 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम की दर से बीज शोधन एवं 5 मिलीलीटर प्रति लीटर के दर से जड़ शोधन करने के बाद आधा घंटा सुखाए उसके बाद बुवाई/रोपाई कर दे एवं जब फसल में पत्तियां आ जाए तो नैनो यूरिया प्लस या नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया प्लस का एक साथ 4 मिलीलीटर / लीटर के दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करे। द्वितीय यूरिया टापड्रेसिंग में सभी किसान भाई दानेदार यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया का छिड़काव पत्तियों पर करे ।नैनो उर्वरकों के प्रयोग से कृषकों के लागत में भी कमी आएगी साथ ही यूरिया एवं डीएपी के अत्याधिक प्रयोग से जल,मृदा एवं पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया गया ।
नैनो डीएपी से बीज शोधित कर बुवाई करे, लागत में आयेगी कमी

आगामी रबी सीजन में सभी किसान भाई मुख्य फसलों गेहूं,सरसों, आलू, चना ,मटर में नैनो डीएपी से बीज शोधित कर बुवाई करे एवं दानेदार डीएपी की मात्रा आधी प्रयोग करे ।नैनो डीएपी 500 मिलीलीटर की बोतल से 100 किलोग्राम बीज को शोधित कर सकते है एवं मात्र 600 रूपये की है जो कि दानेदार डीएपी से काफी सस्ता है।* नैनो डीएपी के प्रयोग से लागत में कमी आएगी साथ ही उत्पादन के साथ उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ती है।
किसानो को सागरिका, लिक्विड कंसोर्टिया, नैनो जिंक एवं जल विलय उर्वरक के बारे में भी जानकारी दी गई।
कृषि विज्ञान केंद्र वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष* द्वारा सभी कृषकों को रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करते हुए नैनो डीएपी से बीज शोधित कर बुवाई करने एवं पत्तियां आने पर नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया प्लस का पत्तियों पर छिड़काव करने से पैदावार बढ़ती है साथ ही नैनो उर्वरकों के प्रयोग से लागत में भी कमी आती है ।
मृदा वैज्ञानिक द्वारा कृषकों को मृदा नमूना लेने के विधि की जानकारी दी गई साथ ही संतुलित मात्रा में उर्वरक उपयोग के साथ नैनो तकनीक पर आधारित नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया एवं दानेदार उर्वरकों पर भारत सरकार द्वारा दी जा रही भारी भरकम सब्सिडी से भी अवगत कराया गया । सभी कृषकों को नैनो डीएपी से बीज शोधित कर बुवाई करने के लिए प्रोत्साहित किया । नैनो डीएपी से शोधन कर बुवाई करने पर बीजों का जमाव अच्छा होने के साथ जड़ो का विकास भी अच्छा होता है* और उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ती है। कार्यक्रम में एसएफए हॉटस्पॉट विकास यादव, प्रगतिशील किसान ब्रजभूषण पाण्डेय,महेंद्र सहित 100 से अधिक किसानो ने प्रतिभाग किया।

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