निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर तथा निःशुल्क दंत परीक्षण शिविर का आयोजन

लखनऊ | विश्व COPD दिवस 2025 के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जवाहर भवन एवं इंदिरा भवन के संयुक्त तत्वावधान में एक व्यापक निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर तथा निःशुल्क दंत परीक्षण शिविर का आयोजन जवाहर भवन एवं इंदिरा भवन परिसर, अशोक मार्ग, लखनऊ में किया गया। इस जन-कल्याणकारी स्वास्थ्य शिविर का उद्देश्य लोगों को COPD (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) सहित श्वसन संबंधी रोगों के प्रति जागरूक करना, समय पर निदान उपलब्ध कराना और दंत स्वास्थ्य के महत्व को समझाना था।

शिविर में होम्योपैथिक परामर्शदाता चिकित्सक डॉ. संजय कुमार राणा द्वारा रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज), छाती और सांस से संबंधित समस्याएँ, कान में सुनाई कम देना, गठिया/जोड़ों का दर्द, सूजन या अकड़न, कब्ज़, भूख में कमी, प्रोस्टेट की सूजन से पीड़ित रोगियों को निःशुल्क परामर्श एवं दवा वितरित की गई।

दंत चिकित्सक डॉ. नेहा यश सक्सेना द्वारा मौखिक स्वास्थ्य जांच एवं कैविटी परीक्षण कर लाभार्थियों को मसूड़ों के रोगों का निदान, दंत स्वच्छता और नियमित ब्रशिंग तकनीक पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। शिविर में लगभग 150 लाभार्थियों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

इस अवसर पर डॉ. संजय कुमार राणा ने कहा कि, “शहरी जीवनशैली में तेजी से बढ़ते प्रदूषण, धूम्रपान की बढ़ती प्रवृत्ति, वाहन एवं औद्योगिक धुएँ तथा अनियमित दिनचर्या के चलते क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के मामले चिंताजनक तेजी से बढ़ रहे हैं। यह रोग अक्सर धीरे-धीरे विकसित होता है और प्रारंभिक अवस्था में इसके लक्षण — जैसे लगातार खांसी, सांस लेने में परेशानी, सीने में जकड़न और थकान — को लोग सामान्य समस्या समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। समय पर जांच, शुरुआती संकेतों की पहचान, वैक्सीन-प्रिवेंशन (जैसे फ्लू और न्यूमोकोकल वैक्सीन) और स्वच्छ एवं प्रदूषण-मुक्त वातावरण ही इस बीमारी से बचाव के सबसे प्रभावी उपाय हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे धूम्रपान तुरंत छोड़ें, नियमित फेफड़ा परीक्षण कराएँ, व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और घर एवं कार्यालय में वायु-शुद्धिकरण उपाय अपनाएँ, ताकि COPD की संभावनाएँ कम हों।”

दंत विशेषज्ञ डॉ. नेहा यश सक्सेना ने बताया कि, “मौखिक स्वास्थ्य की उपेक्षा न केवल दांतों और मसूड़ों के लिए हानिकारक है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर पड़ता है। अस्वच्छ मौखिक आदतें दांत क्षय, मसूड़ों की सूजन, पायरिया, बदबू और अन्य गंभीर समस्याओं को जन्म देती हैं। कई शोधों में यह भी सामने आया है कि मौखिक संक्रमण हृदय रोग, मधुमेह और श्वसन संबंधी समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। उन्होंने सभी को सलाह दी कि वे हर 6 महीने में दंत परीक्षण कराएँ, सही ब्रशिंग तकनीक अपनाएँ, धूम्रपान से बचें, अत्यधिक मीठे पदार्थों का सेवन नियंत्रित करें और मौखिक स्वच्छता को नियमित आदत बनाएं।”सभी लाभार्थियों ने शिविर की उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से आम जनता को अत्यधिक लाभ मिलता है, विशेषकर उन लोगों को जो नियमित चिकित्सा सुविधा प्राप्त नहीं कर पाते। शिविर में होम्योपैथिक परामर्शदाता चिकित्सक डॉ. संजय कुमार राणा, राहुल राणा, दंत चिकित्सक डॉ. नेहा यश सक्सेना, डॉ. शलिनी, अनुराग श्रीवास्तव, मयूर श्रीवास्तव, एडवोकेट यश सक्सेना, तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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