लखनऊ में ‘यूपी सीएसआर राउंडटेबल 2025’ में 30 से अधिक कंपनियों ने की सहभागिता

कौशल विकास एवं रोजगार सृजन को गति देने हेतु उद्योग–सरकार साझेदारी पर गहन विमर्श हुआ

युवाओं को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण से जोड़ने के लिए योगी सरकार की  पहल

सीएसआर आधारित कौशल विकास कार्यक्रमों को सुदृढ़ बनाने पर प्रमुख कंपनियों के लिए गए सुझाव

आईबीएम, लेनोवो, सीमेंस समेत कई कंपनियों ने कौशल विकास के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी किए

लखनऊ / व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा  लखनऊ में ‘‘उत्तर प्रदेश सीएसआर राउंडटेबल 2025 ऑन स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी’’ का सफल आयोजन किया गया। इस परामर्श-सत्र में देश की 30 से अधिक प्रमुख कंपनियों, फाउंडेशनों एवं संस्थानों ने भाग लेकर प्रदेश के कौशल एवं रोजगार पारितंत्र को सुदृढ़ बनाने पर विस्तृत चर्चा की। योगी सरकार के नेतृत्व में राज्य को एक भविष्य-उन्मुख, सक्षम एवं कौशल-प्रधान अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने के निरंतर प्रयासों की श्रृंखला में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता  राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  कपिल देव अग्रवाल के मार्गदर्शन में व्यावसायिक शिक्षा को मजबूत करना, प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधारना, उभरते कौशल क्षेत्रों में पहुंच का विस्तार तथा उद्योग-संलग्न प्रशिक्षण मॉडल को बढ़ावा देना विभाग की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। योगी सरकार के विजन के अनुरूप युवाओं को उद्योग-उन्मुख कौशल से जोड़कर उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार अवसरों का विस्तार किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग डॉ. हरि ओम  ने कहा कि प्रदेश सरकार कौशल-आधारित मानव संसाधन निर्माण के लिए व्यापक संरचनात्मक सुधार कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रशिक्षण अवसंरचना को जिला एवं ब्लॉक स्तर तक सुदृढ़ करने, स्मार्ट लैब्स एवं आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता, उद्योग-संलग्न पाठ्यक्रमों का विकास तथा प्रशिक्षण की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों तक ले जाने हेतु विभाग एक व्यापक कार्ययोजना पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के साथ बढ़ती साझेदारी से राज्य में रोजगारपरक कौशल विकास को नई गति मिल रही है और युवाओं के लिए उन्नत अवसरों का विस्तार हो रहा है।

मिशन निदेशक, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन  पुलकित खरे, आईएएस ने कहा कि सीएसआर आधारित सहयोग से उद्योग-आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार और अधिक प्रभावी होगा। उन्होंने बताया कि यूपीएसडीएम द्वारा डिजिटल कौशल, हरित कौशल, उन्नत विनिर्माण तकनीक, सेवा-क्षेत्र आधारित रोजगारों तथा महिला-प्रधान आजीविका कार्यक्रमों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सक्रिय भागीदारी अपरेंटिसशिप को मजबूत करेगी और प्रदेश का युवा वर्ग सीधे उद्योग से जुड़कर अधिक रोज़गार-सृजन में सक्षम होगा। अग्रणी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों की सक्रिय भागीदारी यह प्रमाणित करती है कि उत्तर प्रदेश तेजी से देश के प्रमुख ‘‘राष्ट्रीय प्रतिभा केंद्र’’ के रूप में उभर रहा है। योगी सरकार के नेतृत्व में सरकारी, औद्योगिक और सीएसआर साझेदारियों का यह सशक्त ढांचा आने वाले वर्षों में उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार अवसरों का विस्तार करेगा और राज्य के आर्थिक परिवर्तन को नई गति प्रदान करेगा।

राउंडटेबल में एचसीएल, एक्सिस बैंक, ह्युंडई, सीमेंस, टाटा ट्रस्ट्स, रिलायंस फाउंडेशन, शिव नादर फाउंडेशन सहित अनेक अग्रणी संगठनों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने जिला-स्तरीय कौशल आवश्यकताओं के अनुरूप सीएसआर हस्तक्षेपों के संरेखण, पाठ्यचर्या में उद्योग की मांग के अनुरूप सुधार, तथा प्रशिक्षण के परिणामों को मजबूत करने संबंधी सुझाव प्रस्तुत किए। सीएसआरबॉक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी  भौमिक शाह ने कहा कि यह राउंडटेबल उत्तर प्रदेश में कौशल एवं रोजगार सृजन के लिए उद्देश्य-प्रधान साझेदारियों को नई दिशा देगा और राज्य की विजन 2047 की यात्रा में इसकी भूमिका और अधिक सुदृढ़ होगी। कार्यक्रम के अंत में आईबीएम, लेनोवो, सीमेंस तथा बजाज (टाटा स्ट्राइव के माध्यम से) ने लक्षित कौशल विकास पहलों के लिए लेटर ऑफ इंटेंट प्रस्तुत किए। जेनरेशन इंडिया फाउंडेशन ने रोजगार-उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिसके माध्यम से युवाओं को उद्योग-संगत कौशल प्रदान करने के नए अवसर खुलेंगे।

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