उत्तर प्रदेश के नगर विकास मॉडल के मुरीद हुए मनोहर लाल खट्टर एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

शहरीकरण की चुनौतियों और समावेशी विकास पर व्यापक विमर्श हेतु मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में भोपाल में उत्तर–मध्य क्षेत्रीय शहरी विकास बैठक आयोजित

*उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने किया प्रतिभाग

*लेगेसी वेस्ट के दशकों पुराने कूड़े के पहाड़ों को दूर कर नगरों को स्वच्छ रखने के लिए यूपी की हुई प्रशंसा

*प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में भी यूपी ने देश में प्राप्त किया प्रथम स्थान

लखनऊ / भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में उत्तर–मध्य क्षेत्र के शहरी विकास से संबंधित विषयों पर एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य तेजी से बढ़ते शहरीकरण की चुनौतियों, भावी आवश्यकताओं और समाधानात्मक रणनीतियों पर राज्यों के साथ गहन विचार-विमर्श करना रहा।बैठक में उत्तर–मध्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राज्यों में शहरी विकास की वर्तमान स्थिति, अधोसंरचना की जरूरतों, आवास, परिवहन, स्वच्छता, ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण तथा स्मार्ट और टिकाऊ शहरों के निर्माण जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाने पर विशेष जोर दिया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बैठक में सहभागिता करते हुए प्रदेश के शहरी विकास से जुड़े अनुभव और नवाचार साझा किए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत–2047 की परिकल्पना को साकार करने के लिए शहरी विकास को समावेशी, संतुलित और सतत बनाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।श्री शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शहरीकरण की प्रक्रिया में सभी वर्गों—गरीब, मध्यम वर्ग, महिला, युवा एवं वंचित समूहों—की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जानी चाहिए। ए के शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, हरित शहरों के विकास तथा मजबूत आधारभूत ढांचे पर प्रकाश डाला। उत्तर प्रदेश में नगर विकास विभाग में हुए कार्यों के संबंध में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं उनकी टीम ने  तारीफ की। ख़ास कर लेगेसी वेस्ट के दशकों पुराने कूड़े के पहाड़ों को दूर कर नगरों को स्वच्छ रखने के लिए यूपी की हुई प्रशंसा। उसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन कर देश में यूपी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 

बैठक के दौरान बेहतर शहरी शासन व्यवस्था, पारदर्शिता, तकनीक के उपयोग, नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार तथा स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने पर भी विचार किया गया। श्री शर्मा ने कहा कि सुदृढ़ नगर निकाय ही स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित शहरों की नींव रखते हैं।बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार का लक्ष्य राज्यों के साथ मिलकर ऐसे शहरी विकास मॉडल तैयार करना है, जो पर्यावरण-अनुकूल हों, रोजगार सृजन करें और नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएं। वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित, सशक्त और समावेशी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस बैठक में अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने सुझाव और अनुभव साझा करते हुए केंद्र–राज्य सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।यह क्षेत्रीय बैठक उत्तर–मध्य क्षेत्र के शहरों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करने, शहरीकरण की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने तथा केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को नई मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखी जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश ने के साथ अन्य राज्यों के मंत्रीगण/ प्रतिनिधि सहित उत्तर प्रदेश के सचिव नगरीय विकास विभाग अनुज कुमार झा एवं बलकार सिंह ने भी प्रतिभाग किया।

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