खुर्जा परियोजना भारत के उभरते ऊर्जा परिदृश्य में नई गति और विश्वास का संचार करेगी -आर.के. विश्नोई

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि 

खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना की यूनिट-2 का राष्ट्रीय ग्रिड से सफल सिंक्रनाइज़ेशन

बुलंदशहर। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) ने अपनी महत्वाकांक्षी खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना (Khurja Super Thermal Power Project – KSTPP) की 660 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट-2 का 28 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय ग्रिड के साथ सफलतापूर्वक सिंक्रनाइज़ेशन कर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह परियोजना कुल 2×660 मेगावाट की क्षमता वाली है और इसका संचालन उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ ही भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने और सतत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।

इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी)  आर.के. विश्नोई ने कहा, “यह उपलब्धि केवल एक तकनीकी सफलता नहीं है, बल्कि कंपनी की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है जिसके माध्यम से हम भारत की विद्युत उत्पादन क्षमता को मजबूत कर रहे हैं और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर रहे हैं। खुर्जा परियोजना भारत के उभरते ऊर्जा परिदृश्य में नई गति और विश्वास का संचार करेगी।”

टीएचडीसीआईएल के निदेशक (तकनीकी)  भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा, “यूनिट-2 के सफलतापूर्वक चालू होने से केएसटीपीपी (KSTPP) अब राष्ट्र को भरोसेमंद बेस लोड पावर प्रदान करने में एक अहम भूमिका निभाने जा रहा है। यह मील का पत्थर न केवल टीएचडीसी के थर्मल पावर क्षेत्र में रणनीतिक विविधीकरण को रेखांकित करता है, बल्कि हमारे स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो के साथ एक संतुलित, टिकाऊ और भविष्य के अनुरूप ऊर्जा मिश्रण सुनिश्चित करता है।”

यूनिट-2 को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है, जिनमें उच्च क्षमता वाले बॉयलर और टरबाइन, फ्ल्यू गैस डीसल्फराइजेशन (FGD) सिस्टम, और लो-एनओएक्स बर्नर जैसी आधुनिक उत्सर्जन नियंत्रण प्रणालियां शामिल हैं। ये प्रणालियां पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालते हुए स्वच्छ और सतत ऊर्जा उत्पादन को संभव बनाती हैं।

इसके अलावा, संयंत्र के डिज़ाइन में उन्नत स्वचालन एवं मॉनिटरिंग प्रणाली शामिल है, जो परिचालन की उच्च दक्षता, न्यूनतम डाउनटाइम और विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करती है। परियोजना में अपनाए गए सुरक्षा मानक और गुणवत्ता नियंत्रण उपाय इसे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक बनाते हैं।

खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना की प्रगति और यूनिट-2 का सिंक्रनाइज़ेशन न केवल टीएचडीसीआईएल की इंजीनियरिंग दक्षता और टीम भावना को दर्शाता है, बल्कि देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसकी दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टि को भी उजागर करता है। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख अधिकारियों में  कुमार शरद, कार्यकारी निदेशक (परियोजना),  बी.के. साहू, जीएम (ओएंडएम),  आर.एम. दुबे, जीएम (इलेक्ट्रिकल),  शैलेश ध्यानी, जीएम (मैकेनिकल), संदीप भटनागर, जीएम (फाइनेंस),  एन.के. भट्ट, एजीएम (विजिलेंस),  आई.डी. तिग्गा, एजीएम (लॉ),  दिलीप कुमार द्विवेदी, डीजीएम (एचआर एंड ए),  अरविंद यादव, डीजीएम (मैकेनिकल) आदि शामिल थे। इसके अतिरिक्त एनटीपीसी कंसल्टेंसी, भेल, एलएमबी, स्टेग और जीई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

सीएमडी आर.के. विश्नोई और निदेशक (तकनीकी)  भूपेन्द्र गुप्ता ने कमीशनिंग टीम और संपूर्ण केएसटीपीपी टीम को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी। यह उपलब्धि टीएचडीसीआईएल की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी और भारत के एक विश्वसनीय एवं आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान देगी।

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