नैमिषारण्य के आस-पास के धार्मिक स्थलों के पर्यटन विकास से बढ़ेगी श्रद्धालुओं की संख्या – जयवीर सिंह

नैमिषारण्य क्षेत्र में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 90 करोड़ रूपये की 28 नई परियोजनाएं स्वीकृत

लखनऊ: वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु नैमिषारण्य विकास परिषद द्वारा नैमिषारण्य क्षेत्र में पर्यटन विकास की अवस्थापना सुविधाओं के लिए 28 नई परियोजनाएं जिसकी अनुमानित लागत की 90 करोड़ रूपये है, कि सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई है। इन प्रस्तावित नवीन परियोजनाओं के धरातल पर उतरने पर नैमिषारण्य क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए अवस्थापना सुविधाएं सृजित की जाएगी। 

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि जनपद सीतापुर के मिश्रिख विधानसभा के अंतर्गत राजघाट, लखनऊ-सीता मार्ग पर वैदिक थीम के अनुरूप तोरण द्वारों की स्थापना, कल्ली रोड बाईपास से ललितादेवी मंदिर-चक्रतीर्थ होते हुए राजघाट तक कॉरिडोर का निर्माण, ललितादेवी मंदिर से कालीवाड़ी चौराहे होते हुए राजघाट तक कॉरिडोर का निर्माण, नैमिषारण्य में पर्यटन सुविधा केन्द्र का निर्माण, मिश्रिख के समस्त चौराहों का विकास, नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद कार्यालय भवन के निर्माण के लिए इन परियोजनाओं की सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई है। 

जयवीर सिंह ने बताया कि ललितादेवी मंदिर से चक्रतीर्थ तक नाले का सुदृढीकरण एवं पर्यटन विकास, नैमिषारण्य में धर्मशाला का पिलग्रिम इन्टरप्रिटेशन सेन्टर में परिवर्तन, बड़ी छावनी आश्रम परिसर के पर्यटक निवास एवं पर्यटक सुविधाओं का विकास, पर्यटको की सुविधा के लिए सभी मुख्य मार्गों, संपर्क मार्गों पर हेरिटेज सोलर लाइट का कार्य, जनपद सीतापुर में विभिन्न भाषाओं में सकेंतक की स्थापना, नैमिषारण्य धाम में वेदारण्यम की स्थापना, ग्राम पंचायत-जिहुरा नई बस्ती में गोलाबाबा मंदिर का पर्यटन विकास तथा गोदलामऊ की ग्राम पंचायत-उदईपुर पश्चिमी में वृम्हदेव धाम का पर्यटक विकास किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि मानेश्वर महादेव धाम रसूल पनाह  सिधौली के मंदिर का पर्यटन विकास, वि0ख0 महमूदाबाद के ग्राम पंचायत-अहिबनपुर में भ्रमदेव देवस्थान का पर्यटन विकास, सबरी माता मंदिर हरगांव तीर्थ का पर्यटन विकास, रामजानकी मंदिर एवं तीर्थ स्थल का पर्यटन विकास तथा देव-देवश्वर घाट में पर्यटन सुविधाओं का विकास कराया जाएगा। इस प्रकार सीतापुर जनपद में मिश्रिख एवं अन्य स्थानों का पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का 90 करोड़ की लागत से कायाकल्प किया जाएगा।

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