राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में 36 प्रकरणों की जनसुनवाई, त्वरित निस्तारण के निर्देश

आयोग अध्यक्ष राजेश वर्मा ने अनुपस्थित अधिकारियों पर जताई नाराजगी

लखनऊ, / उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने आज इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त 36 शिकायती पत्रावलियों पर जनसुनवाई की। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए और पीड़ितों को समयबद्ध न्याय दिलाने की दिशा में आवश्यक निर्णय लिए। लखनऊ के देवेन्द्र सिंह द्वारा चिकित्साधिकारी सीमा सिंह की लेवल-2 से लेवल-3 पर प्रोन्नति न होने की शिकायत की गई थी। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा निदेशक प्रशासन ने अवगत कराया कि सीमा सिंह की प्रोन्नति लेवल-1 से लेवल-2 पर की जा चुकी है और लेवल-3 पर प्रोन्नति की प्रक्रिया प्रगति में है। आयोग ने एक माह का समय देते हुए अब तक की कार्यवाही को त्वरित और संतोषजनक बताया। शिकायतकर्ता ने आयोग और शासन का आभार व्यक्त किया।

सीतापुर की उमा देवी द्वारा मकान पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई। जनसुनवाई में उपस्थित उपजिलाधिकारी सिचौली, राखी वर्मा को निर्देश दिए गए कि पिछड़े वर्ग की वृद्ध महिला के साथ किसी प्रकार का अन्याय न हो और यदि अवैध कब्जा हो तो तत्काल स्थल पर जाकर उसे मुक्त कराया जाए। लखनऊ नगर निगम में कार्यरत रहे आनंद कुमार सिंह की पत्नी सुधा सिंह ने पेंशन, पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी, राशिकरण तथा सामूहिक जीवन बीमा भुगतान न होने की शिकायत की। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को तलब कर देरी पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि 10 दिन के भीतर समस्त भुगतान सुनिश्चित किया जाए। अम्बेडकरनगर के नितेश मौर्य को कार्यभार न दिए जाने के संबंध में हुई सुनवाई में जिला विद्यालय निरीक्षक ने अवगत कराया कि कार्यभार ग्रहण करा दिया गया है। बाराबंकी के राजकुमार द्वारा पिछड़े वर्ग के आधार पर जिला पंचायत सीतापुर द्वारा भुगतान न किए जाने की शिकायत पर आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि समय से भुगतान न हुआ तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

आयोग के सदस्य जनार्दन प्रसाद गुप्ता ने देवीपाटन मंडल में कसौंधन जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही कठिनाइयों का मामला उठाया। बहराइच के तहसीलदार ने कठिनाई से इनकार किया, जबकि अन्य जनपदों के अधिकारियों से तीन वर्षों में प्राप्त आवेदनों, जारी प्रमाण पत्रों और निरस्त आवेदनों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई। उपजिलाधिकारी के अनुपस्थित रहने पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त की।

गोंडा की शालिनी जायसवाल के प्रकरण में पुलिस आयुक्त, लखनऊ की ओर से प्रतिनिधि ने पक्ष रखा। आयोग ने 19 जुलाई 2021 को जांच रिपोर्ट आने के बावजूद कार्रवाई न होने पर असंतोष जताया और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। अन्य प्रकरणों में भी आयोग ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही सुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियों के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए कहा गया कि भविष्य में अनुपस्थिति पर शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।

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