सचिव, मत्स्य विभाग, भारत सरकार द्वारा निर्माणाधीन मत्स्य मंडी का निरीक्षण

*सचिव ने निर्माणाधीन मंडी को फंक्शनल होने से पूर्व सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने का दिया निर्देश* 

*जिलाधिकारी  चंद्रमोहन गर्ग ने किसानों/मत्स्य पालकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुनी तथा दुकानों के आवंटन में मत्स्य विभाग को पारदर्शिता बरतने के दिए निर्देश*

चंदौली। भारत सरकार के मत्स्य मंत्रालय के सचिव अभिलक्ष लिखी ने आज नवीन मंडी परिषद स्थित निर्माणाधीन मत्स्य मंडी का निरीक्षण कर कार्य प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि मंडी को आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए, जिससे मत्स्य व्यवसाय को गति मिले और मत्स्य पालकों को अधिक लाभ मिल सके।

सचिव भारत सरकार ने विशेष रूप से आइस प्लांट, आइस सप्लाई, शीत श्रृंखला (कोल्ड चेन), स्वच्छता, जल निकासी एवं विपणन सुविधा जैसे बुनियादी ढांचे को उच्च प्राथमिकता के साथ विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने मंडी परिसर को मत्स्य व्यवसाय के लिए एक ‘मॉडल हब’ के रूप में विकसित करने की बात कही।

निरीक्षण के दौरान सचिव ने उपस्थित मत्स्य पालकों से सीधे संवाद किया, उनकी समस्याएं सुनीं और योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि और सतत विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

इसी क्रम में जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग और मुख्य विकास अधिकारी ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों एवं वहां उपस्थित मत्स्य पालकों/किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना।दुकानों के आवंटन के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में मत्स्य विभाग द्वारा जो भी नियम बनाए जाएंगे उनका पारदर्शिता के साथ अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।उन्होंने कहा कि यह निरीक्षण न केवल परियोजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि सरकार की ‘ब्लू इकोनॉमी’ को मजबूती देने की दूरदर्शी नीति का भी परिचायक है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आर जगत सांई,मत्स्य विभाग के अधिकारी, कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में मत्स्यपालक उपस्थित रहे।

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