मियावाकी पद्धति के अभिनव प्रयोग से जनपद में हरित क्षेत्र को बढ़ाएं और पर्यावरण को संरक्षित करें-जिलाधिकारी

मंडल में पहला मियांवाकी पद्धति से वन निर्माण हेतु डीएम ने कलेक्ट्रेट में किया वृक्षारोपण*

भदोही/ विंध्याचल मंडल का पहला मियावाकीं पद्धति से प्राकृतिक वन निर्माण हेतु जिलाधिकारी विशाल सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण किया। यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और शहरी वनीकरण को बढ़ावा देने के लिए कार्यदाई संस्था बीडा की तरफ से शुरू की गई है। जिसका पर्यवेक्षण व अनुरक्षण वन विभाग द्वारा किया जाएगा। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कहा, “मियावाकी पद्धति से वन बनाने का यह एक अनोखा प्रयास है। हमारा लक्ष्य है कि हम शहर में हरित क्षेत्र को बढ़ाएं और पर्यावरण को संरक्षित करें।”

मियावाकी पद्धति एक जापानी विधि है जिसमें पौधों को एक दूसरे से कम दूरी पर लगाया जाता है। यह पद्धति शहरी वनीकरण के लिए बहुत प्रभावी है और इसमें पौधों की वृद्धि 10 गुना अधिक तेजी से होती है ।इस परियोजना में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे जो शहरी वातावरण में अनुकूल हैं। जिलाधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हम शहर में एक सुंदर और हरित वातावरण बनाएं।” मियावाकी पद्यति के प्रणेता जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी हैं। इस पद्यति से बहुत कम समय में जंगलों को घने जंगलों में परिवर्तित किया जा सकता है। जिसका मूल उद्देश्य भूमि के एक छोटे से टुकड़े के भीतर हरित आवरण को सघन बनाना था।
इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी नीरज आर्य भी उपस्थित रहे और उन्होंने कहा, “मियावाकी पद्धति से वन बनाने का यह एक अच्छा प्रयास है। हमें उम्मीद है कि यह परियोजना शहर के पर्यावरण को सुधारने में मदद करेगी।” इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी न्यायिक शिव नारायण सिंह,बीड़ा उप कार्यपालक अधिकारी अनीता देवी, जिला सूचना अधिकारी डॉ पंकज कुमार, ई डिस्टिक मैनेजर आशुतोष श्रीवास्तव, ओएसडी जगदीश,आशीष श्रीवास्तव व अन्य ने भी वृक्षारोपण किया। 

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