श्रृंगवेरपुर में अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव का शुभारम्भ कल

श्रीलंका, नेपाल एवं देश के 06 राज्यों और राम वन-गमन पथ समेत 10 स्थानों पर होगा आयोजन

29 मार्च को जम्मू में होगा अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव की श्रृंखला का समापन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या एवं रामायण मेला आयोजन समिति, श्रृंगवेरपुर धाम, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में 26 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव की श्रृंखला का प्रथम आयोजन हो रहा है।

 पर्यटन सुविधा केन्द्र स्थल, श्रृंगवेरपुर धाम, प्रयागराज में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रयागराज से विधायक श्री गुरु प्रसाद मौर्य करेंगे, जबकि फूलपुर, प्रयागराज से सांसद प्रवीण पटेल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। कॉन्क्लेव का आयोजन श्रीलंका, नेपाल एवं देश के 06 राज्यों व राम वन-गमन पथ समेत 10 स्थानों पर किया जा रहा है। इसमें देश एवं प्रदेश के युवाओं सहित समस्त नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

कॉन्क्लेव में होने वाले संत-विद्वत समागम में हनुमानगढ़ी, रामचौरा घाट, श्रृंगवेरपुरधाम के महंत स्वामी कमल दास जी महाराज, गऊघाट, श्रृंगवेरपुर धाम के स्वामी जयराम दास जी महाराज, राष्ट्रीय रामायण मेला, श्रृंगवेरपुर धाम के अध्यक्ष डॉ. बालकृष्ण पाण्डेय एवं समाजसेवी विवेक तिवारी सम्मिलित होंगे। रामायण-वेद गान और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, प्रदर्शनी, काव्यार्चन एवं प्रवचन के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। इस कड़ी में गाजीपुर के मनोहर सिंह एवं उनका दल भक्ति-भजनों के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बनाएगा। श्रीमती कुमकुम आदर्श एवं उनका दल शिव-शक्ति नृत्य नाटिका का मंचन करेगा। निधि तिवारी की टीम भी नृत्य नाटिका का मंचन करेगी और महन्त लाल अपने दल के साथ वादन ढोलताशा की प्रस्तुति देंगे।  

   सभी वर्गों की भागीदारी बढ़ाने की दृष्टि से स्थानीय हायर सेकेंडरी स्कूल, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालयों, विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों आदि को भी कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा। प्रयागराज के पश्चात रामायण कॉन्क्लेव की यह धार्मिक यात्रा 01 और 02 मार्च को चित्रकूट, 07 और 08 मार्च को नागपुर के रामटेक, 18 मार्च को हम्पी, कर्नाटक, 21 और 22 मार्च को रामेश्वरम, 26 मार्च को श्रीलंका पहुंचेगी और 29 मार्च को जम्मू आकर यात्रा का समापन होगा।

इस संबंध में प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह जी ने बताया कि यह कॉन्क्लेव संत और विद्वानों के समागम का अच्छा अवसर है। ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन प्रसंगों से प्रेरित होगी।

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