हिंडालको महान ने CSR मद से बेटहाडाड़ विद्यालय का किया कायाकल्प

SDM अखिलेश कुमार सिंह बोले – अब बच्चे गर्व से स्कूल आएँगे

सिंगरौली।हिंडालको महान ने अपने निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बेटहाडाड़ का कायाकल्प कर उसे एक मॉडल विद्यालय में बदल दिया है। इस कायाकल्प के बाद विद्यालय में नई इमारत, सुसज्जित कक्षाएँ, कंप्यूटर लैब, पंखे, स्वच्छ एवं आकर्षक परिसर, छात्राओं के लिए अलग शौचालय और बेहतर अध्ययन वातावरण उपलब्ध हो गया है। अब यह विद्यालय किसी निजी स्कूल की तरह दिखाई देता है और यहाँ बच्चों की उपस्थिति तथा पढ़ाई में रुचि बढ़ने लगी है।

पहले यह विद्यालय इस कदर जर्जर अवस्था में था कि बच्चे कक्षाओं में बैठने से घबराते थे। स्वच्छ शौचालय और साफ-सुथरे कमरों का अभाव था तथा मूलभूत सुविधाएँ लगभग ठप पड़ी थीं। लेकिन हिंडालको महान ने शिक्षा क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को साबित करते हुए इसे पूरी तरह नया रूप दिया। मानव संसाधन प्रमुख डॉ. विवेकानंद मिश्रा की पहल और इकाई प्रमुख एस. सेंथिलनाथ की सहमति से यह कार्य संपन्न हुआ।

विद्यालय भवन का लोकार्पण गरिमामयी समारोह में किया गया।

मुख्य अतिथि उपखंड अधिकारी, देवसर अखिलेश कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि इकाई प्रमुख-हिंडालको महान एस. सेंथिलनाथ, मानव संसाधन प्रमुख-हिंडालको महान डॉ. विवेकानंद मिश्रा एवं बरगंवा तहसीलदार नागेश्वर पनिका ने संयुक्त रूप से फीता काटकर और शिलापट्ट का अनावरण कर विद्यालय का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर ओड़गड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच शिवशंकर मुन्ना, कॉर्पोरेट अफेयर्स एवं जनसंपर्क विभाग से संजय सिंह और बीरेंद्र पाण्डेय, सिविल विभाग से विभाग प्रमुख दीपक तिवारी, एस. डी. पाठक, CSR विभाग से विजय वैश्य एवं धीरेन्द्र तिवारी, स्थानीय शिक्षक व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

उपखंड अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह ने कहा –*

“हिंडालको महान ने शिक्षा के क्षेत्र में जो कदम उठाया है, वह अनुकरणीय है। बेटहाडाड़ विद्यालय अब बच्चों के लिए गर्व का विषय बनेगा। यह स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण छात्रों की पढ़ाई में नई ऊर्जा भरेगा।”इकाई प्रमुख श्री एस. सेंथिलनाथ ने कहा –*

“CSR के अंतर्गत शिक्षा और स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। बेटहाडाड़ विद्यालय का कायाकल्प इसी सोच का हिस्सा है। यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों को नई दिशा देगा।”

*मानव संसाधन प्रमुख डॉ. विवेकानंद मिश्रा ने कहा –*

“विद्यालय का कायाकल्प केवल भवन निर्माण नहीं, बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। हमारा उद्देश्य था कि ग्रामीण अंचल के बच्चों को भी निजी स्कूल जैसा आधुनिक और स्वच्छ वातावरण मिले। इसी सोच के साथ कक्षाओं का नवीनीकरण, कंप्यूटर लैब और छात्राओं के लिए अलग शौचालय जैसी सुविधाएँ दी गई हैं। इससे पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी और ड्रॉपआउट दर घटेगी। इस कार्य को साकार करने में सिविल विभाग से विश्वकर्मा बनकर एस.डी. पाठक ने अहम भूमिका निभाई है।”*ग्राम सरपंच शिवशंकर मुन्ना ने कहा –*”ग्रामवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। हिंडालको महान ने बच्चों को बेहतर वातावरण देकर पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है।”

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