एनटीपीसी औरैया में “अनेकता में एकता” थीम पर सृजन मेला–2025 का भव्य आयोजन

औरैया।एनटीपीसी औरैया परियोजना में जागृति महिला मंडल द्वारा 29 एवं 30 नवम्बर, 2025 को “अनेकता में एकता” थीम पर दो दिवसीय सृजन मेला–2025 का शानदार, सुसंगठित और बहुआयामी आयोजन किया गया। टाउनशिप परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय मैदान दो दिनों तक सांस्कृतिक विविधता, उत्साह, स्थानीय उद्यमिता और सामुदायिक सहभागिता का केंद्र बना रहा।

कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय, लखनऊ से पधारे क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक गौतम देव तथा अध्यक्षा उत्तरा क्लब बिपाशा देव ने दीप प्रज्ज्वलन और फीता काटकर किया। उनके साथ परियोजना प्रमुख  सुभाषिश गुहा एवं जागृति महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती मंजरी गुहा भी उपस्थित रहीं। वरिष्ठ अधिकारियों, CISF, विभागाध्यक्षों, यूनियन/एसोसिएशन प्रतिनिधियों एवं नगरवासियों की उपस्थिति में केक काटकर मेले का शुभारंभ किया गया।

मेले में विभिन्न राज्यों की संस्कृति और कौशल को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल मुख्य आकर्षण रहे, जिनमें स्वादिष्ट व्यंजन, पारंपरिक परिधान, हस्तशिल्प, गृह-सज्जा सामग्री तथा स्व–सहायता समूहों के स्थानीय उत्पाद शामिल थे। CSR एवं वेलफेयर स्टॉल पर आंवला उत्पाद, उज्ज्वला ऑयल, बहु-अनाज आटा, मधुबनी पेंटिंग, टाई एंड डाई तथा बाटिक उत्पादों को विशेष सराहना मिली। सुरक्षा, चिकित्सा, मानव संसाधन, जनसंपर्क, CSR और राजभाषा विभाग द्वारा भी उल्लेखनीय प्रदर्शनी लगाई गई।

गाँव-थीम आधारित सेल्फी ज़ोन, पारंपरिक झोपड़ी, इंडिया फूड-मैप, बच्चों का प्ले ज़ोन तथा विभिन्न राज्यों के हैंडलूम व पारंपरिक वस्तुओं के स्टॉल मेले की शोभा बढ़ाते रहे।

पहले दिन की सांस्कृतिक संध्या में इंडियन आइडल गायिका बिदिप्ता चक्रवर्ती ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। दूसरे दिन आयोजित इनहाउस टैलेंट शो में KV, सेंट जोसेफ, लिटिल किंगडम, बाल भवन, ज्ञानदीप साक्षरता अभियान के बच्चों व कर्मचारियों ने नृत्य–संगीत की प्रस्तुतियाँ दीं।

मुख्य अतिथियों ने एनटीपीसी CSR की आँवला अमृत, उज्ज्वला ऑयल, अंशुकम् तथा टाई एंड डाई प्रशिक्षण जैसी परियोजनाओं का निरीक्षण करते हुए लाभार्थियों से संवाद भी किया। साथ ही आसपास के गाँवों के जरूरतमंद दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल वितरित की गईं।

“अनेकता में एकता” की थीम को साकार करते हुए सृजन मेला–2025 ने कर्मचारियों, परिवारों, बच्चों, युवाओं, स्थानीय कारीगरों और स्व–सहायता समूहों को एक साझा मंच पर जोड़कर सामुदायिक एकता, कला संवर्द्धन और सामाजिक उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।

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