आईआईटी कानपुर में प्रथम प्रशिक्षण बैच का आरंभ *250 पंचायत प्रतिनिधियों के क्षमता विकास हेतु आईआईटी कानपुर में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ
*लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक प्रभावशाली, सक्षम एवं समकालीन प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत आज दिनांक 26 अगस्त 2025 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) में “जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के नेतृत्व एवं क्षमता विकास” हेतु प्रथम प्रशिक्षण बैच का औपचारिक शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए हुए जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे, जिनमें नेतृत्व क्षमता, प्रशासनिक दक्षता, नवाचार तथा सुशासन पर आधारित विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया।
ज्ञात हो कि जुलाई 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज विभाग तथा देश के प्रमुख तकनीकी संस्थान आईआईटी कानपुर के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्षों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों तथा उनके अधीनस्थ अधिकारियों को वैज्ञानिक, तकनीकी एवं प्रबंधन संबंधी आधुनिक दृष्टिकोण से प्रशिक्षित किए जाने की रूपरेखा तैयार की गई है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल प्रशासनिक कार्यकुशलता में वृद्धि करना है, बल्कि समग्र ग्राम एवं क्षेत्रीय विकास को नवाचार, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व के आधार पर गति देना भी है।
इस संयुक्त प्रयास के अंतर्गत कुल लगभग 250 जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को चरणबद्ध रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित यह विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल नेतृत्व विकास, नीतिगत निर्णय, परियोजना प्रबंधन, डेटा विश्लेषण, तकनीकी हस्तक्षेप, डिजिटल गवर्नेंस तथा जन सहभागिता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समाहित करता है। प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक अनुभवों, केस स्टडीज़ तथा इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से आधुनिक शासकीय प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा।
आईआईटी कानपुर जैसे शीर्ष शैक्षणिक संस्थान के साथ यह सहयोग पंचायती राज संस्थाओं को नए युग की चुनौतियों के प्रति सजग, सक्षम एवं उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह प्रशिक्षण न केवल स्थानीय शासन प्रणाली की गुणवत्ता को ऊंचा उठाएगा, बल्कि शासन-प्रशासन के अंतिम छोर तक प्रभावी सेवा वितरण एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को भी सुनिश्चित करेगा। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार की “सशक्त पंचायत, समृद्ध प्रदेश” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है, जो राज्य को नवाचार आधारित, प्रौद्योगिकी समर्थित और जन-केंद्रित शासन प्रणाली की ओर अग्रसर करेगा।

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