एनटीपीसी तालचेर कनिहा में बसंत उत्सव 2025 का भव्य आयोजन

अंगुल, तालचेर । – एनटीपीसी तालचेर कनिहा में तन्वी संगम लेडीज़ क्लब द्वारा बसंत उत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस वर्ष उत्सव की थीम “गाँव के रंग, अपनी संस्कृति के संग” थी, जिसमें ग्रामीण जीवन की सादगी, परंपरा, सामूहिकता और प्रकृति से जुड़े रहने की विशेषताओं को दर्शाया गया। यह दो दिवसीय आयोजन 31 जनवरी से 1 फरवरी 2025 तक चला।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरिंदम सिन्हा, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (ER-2) थे, जिनकी धर्मपत्नी श्रीमती रुपाली सिन्हा, अध्यक्ष वसुधा महिला मंडल भी उपस्थित रहीं। साथ ही, विजय चंद, बिजनेस यूनिट हेड (BUH) तालचेर थर्मल, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विभा अग्रवाल, अध्यक्ष सागरिका लेडीज़ क्लब, तथा ए.के. सहगल, BUH तालचेर कनिहा, ने भी इस भव्य उत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

तन्वी संगम लेडीज़ क्लब की अध्यक्ष श्रीमती रेनू सहगल के नेतृत्व में यह उत्सव पूरे हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। क्लब की सभी सदस्याओं ने उत्सव को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया। आयोजन में कुल 80 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जिनमें तन्वी संगम के 15 स्टॉल शामिल थे। इसके अलावा, केवी, एसएसवीएम, डीएवी स्कूलों, स्थानीय एवं बाहरी विक्रेताओं ने भी थीम के अनुरूप स्टॉल लगाए। इन स्टॉल्स में गाँव की कला, हस्तशिल्प, परंपरागत व्यंजन और ग्रामीण संस्कृति की झलक देखने को मिली।

उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। सिंगारी एंटरटेनमेंट ग्रुप, भुवनेश्वर द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्य और गीतों ने उत्सव में समां बांध दिया। तन्वी संगम की अध्यक्ष ने अपने संबोधन में स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा देने और समाज के समग्र विकास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।

समाजसेवा के अंतर्गत, तन्वी संगम ने देरांग आश्रम स्कूल को बैग, बैटरी इन्वर्टर एवं बिस्तर प्रदान किए, जबकि माँ भैरवी हाई स्कूल को भी आवश्यक सामग्रियाँ दी गईं। इसके अतिरिक्त, महिला कल्याण केंद्र की महिलाओं को दृष्टि सहायक चश्मे भी वितरित किए गए।

इस आयोजन में एनटीपीसी तालचेर कनिहा के कर्मचारियों, उनके परिवारों और आसपास के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विभिन्न विभागों ने मेले की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में सहयोग दिया। इस उत्सव ने हर किसी को अपनी जड़ों से जोड़ने और भारतीय गाँवों की संस्कृति को करीब से अनुभव करने का अवसर दिया। पूरे दिन का माहौल हर्ष, उल्लास और रंगों से सराबोर रहा। “गाँव के रंग; अपनी संस्कृति के संग” की थीम को साकार करते हुए, यह आयोजन तालचेर कनिहा के लिए यादगार बन गया।

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