किसान दिवस के अवसर पर पांच किसान हुए सम्मानित

वाराणसी।पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में आज जनपद वाराणसी के कल्लीपुर में ‘किसान सम्मान दिवस’ एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य जिले के कृषकों को आधुनिक खेती की नई दिशा दिखाना और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ मुख्य अतिथि सेवापुरी विधायक प्रतिनिधि रामविलास पटेल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने चौधरी चरण सिंह के जीवन संघर्षों पर प्रकाश डाला और कहा कि देश की खुशहाली का रास्ता खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है, इसलिए वर्तमान समय की मांग को देखते हुए किसानों को अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को अपनाकर लागत कम करने और शुद्ध उत्पाद प्राप्त करने पर विशेष बल देना चाहिए। इसी अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट कार्यकर्त्ता किशोरी जी ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए खेती-किसानी में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर विशेष चर्चा की और कहा कि यदि ग्रामीण महिलाएं आधुनिक कृषि और लघु उद्योगों से जुड़ें तो वे न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकती हैं। इसी क्रम में  क़ृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और बीज अनुदान जैसी विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी ताकि अंतिम छोर पर खड़ा किसान भी सरकारी लाभ से वंचित न रहे, वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अमितेश सिंह ने राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख के ‘स्वावलंबी गांव’ के विजन की चर्चा करते हुए किसानों को नई किस्मों के वैज्ञानिक प्रबंधन और तकनीकी खेती के लाभ बताए। इस भव्य समारोह के दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खेती-किसानी में नए आयाम स्थापित करने वाले पांच चयनित प्रगतिशील किसानों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रशस्ति पत्र और सम्मान देकर पुरस्कृत किया गया, जिनमें विशेष रूप से मेहदीगंज के सुशील कुमार, मुकेश, कुमारी देवी ने कृषि जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। इस पूरे गरिमामयी आयोजन में जनपद के दूर-दराज के क्षेत्रों से आए लगभग 105 किसानों की सक्रिय भागीदारी रही, जिन्होंने वैज्ञानिकों से संवाद कर अपनी खेती से जुड़ी शंकाओं का समाधान किया और अंत में यह विशाल कार्यक्रम कृषि विभाग के आला अधिकारियों, वैज्ञानिकों एवं क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए संपन्न हुआ।


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