वाराणसी/ बनारस क्वीयर प्राइड के तत्वावधान में बोली घाट कैफ़े, अस्सी घाट, वाराणसी में बनारस क्वीयर प्राइड माह 2025 की शुरुआत में फिल्म स्क्रीनिंग एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्वीयर जीवन, पहचान, आत्मस्वीकृति, जाति और पितृसत्ता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करना तथा समुदाय के अनुभवों और संघर्षों को दृश्य रूप में समाज के सामने प्रस्तुत करना था।

कार्यक्रम का संचालन आर्या, और स्वागत तान्या ने उपस्थित दर्शकों को बनारस क्वीयर प्राइड के इतिहास, उद्देश्य और समुदाय आधारित पहलों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में “गिली पुछी” तथा “बॉम्बे टाकीज़” दोनों फ़िल्मों में से तीन कहानियां प्रदर्शित किया गया। फ़िल्मों में क्वीयर पहचान, जातिगत असमानता, जेंडर आधारित हिंसा, आंतरिक होमोफोबिया, रंगभेद, रूढ़िवादिता तथा प्रेम और साहस की खोज को संवेदनशीलता के साथ दर्शाया गया है।
फ़िल्म स्क्रीनिंग के पश्चात् अनन्या मिथि ने उपस्थित सदस्यों के साथ एक आलोचनात्मक चर्चा सत्र आयोजित किया, जिसमें प्रतिभागियों ने फ़िल्मों में दिखाए गए मुद्दों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए।
सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने इस प्रकार अपने अनुभव साझा किए- रामजन्म जी ने कहा ” यह कबीर की भूमि है, जिन्होंने निडरता के रुढ़ीवाद का विरोध किया था। आप लोग बहुत सही जगह है और मैं इसका पूर्ण समर्थन करता हूं। उर्मी ने कहा “इन कहानियों के माध्यम से जेंडर डिस्फोरिया को एकदम वास्तविक रूप से प्रस्तुत किया गया है।” इसी क्रम में आगे सिनेफाइन की सदस्या जुनूका ने कहा- “क्वीयर व्यक्तियों के साथ काम करके हमें सच में बहुत अच्छा लगा, हम चाहते हैं कि आप लोग ऐसे ही आगे बढ़े”। साथ ही बोली घाट कैफ़े के मालकीन काजल ने बताया- “समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त होने की जरूरत है”। नितिन ने बताया “फिल्मों में देखकर तो सब समझ लेते हैं, लेकिन अपने घर में जब ऐसे व्यक्ति निकल जाते हैं तो हम स्वीकार नहीं कर पाते हैं।”
इस कार्यक्रम के माध्यम से बनारस क्वीयर प्राइड ने यह संदेश दिया कि विविधता, संवाद और सम्मान ही एक समावेशी समाज की नींव हैं। फ़िल्मों और विचार-विमर्श के माध्यम से यह स्थापित किया गया कि हर व्यक्ति की पहचान और अस्तित्व गरिमामय है, और उसकी स्वीकृति आवश्यक है।

कार्यक्रम के अंत में नीति द्वारा धन्यवाद देते हुए आगामी कार्यक्रम के बारे में जानकारी दिया गया कि आने वाले दिनों में क्वीयर स्पोर्ट्स, पोस्टर मेकिंग, संविधान दिवस, एड्स डे, घाट वॉक, खुला संवाद और 7 दिसंबर को बनारस क्वीयर प्राइड मार्च निकाला जाएगा जिसमें बनारस के सभी सहयोगी सदस्यों का स्वागत है। कार्यक्रम में कई संगठन और संस्था उपस्थित रहे, जिनमें प्रिज्मैटिक फाउंडेशन, सीनेफाइल, दामिनी, उम्मीद फाउंडेशन, सयुक्त किसान मोर्चा, ताना बाना, उमाकांत, एशियन ब्रिज इंडिया और दखल संगठन प्रमुख हैं। साथ ही कार्यक्रम को सफल बनाने में जिन स्वयंसेवकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा उनमें रुमान, राधा, अनामिका, बन्नी, कृष्णा, काजल, श्रेया, जुनुका, कौशिका, कात्यायनी, अनुराग का सहयोग मुख्य रूप से महेंद्र, जीतेन्द्र संतोष, सुरेश, रंजीत आदि लोग उपस्थित रहे ।

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