उर्वरक-यूरिया, डीएपी, एनपीके के साथ अन्य किसी उत्पाद की टैगिंग कदापि न की जाये – संयुक्त कृषि निदेशक

8 उर्वरक गोदाम पर छापेमारी कर पीओएस में उपलब्ध स्टाक का भौतिक रूप से गोदाम में मौजूद स्टाक का मिलान किया गया तथा गुणवत्ता परीक्षण हेतु उर्वरक के 22 नमूनें ग्रहीत किये गये*

  वाराणसी। वर्तमान खरीफ में किसान भाइयों को निर्धारित दर पर गुणवत्ता युक्त उर्वरकों की उपलब्धता समय से सुनिश्चित कराये जाने हेतु शनिवार को संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) उ0प्र0 के द्वारा जनपद के प्रमुख उर्वरक विर्निमाता कम्पनी प्रतिनिधि, समस्त थोक एवम् खुदरा उर्वरक बिक्रेताओं के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक के दौरान कम्पनी प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया कि प्रमुख उर्वरक-यूरिया, डी0ए0पी0, एन0पी0के0 के साथ अन्य किसी उत्पाद की टैगिंग कदापि न की जाये। इसी के साथ समस्त थोक एवं खुदरा बिक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि यदि किसी कम्पनी/थोक बिक्रेता के द्वारा अनावश्यक रूप से किसी उत्पाद को क्रय करने हेतु दबाव बनाया जाता है तो इसकी सूचना तत्काल जिला कृषि अधिकारी को दें, जिससे कि संबंधित कम्पनी/थोक बिक्रेता के विरूद्ध उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश, 1985 के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। इसी क्रम में शनिवार को जनपद स्तरीय प्रर्वतन दल के अध्यक्ष उप कृषि निदेशक, वाराणसी अमित जायसवाल की उपस्थिति में मेसर्स जायसवाल एण्ड कम्पनी, मेसर्स शंकर प्रसाद एण्ड संस, मेसर्स जय माता दी सप्लायर, मेसर्स अग्रहरि इंटर प्राइजेज, मेसर्स गुप्ता फर्टिलाइजर एजेन्सी, मेसर्स रानीसती मार्केटिंग कम्पनी प्रा0लि0, मेसर्स अग्रवाल फर्टिलाइजर एजेन्सी, मेसर्स रस्तोगी ब्रदर्स आदि के उर्वरक गोदाम पर सघन छापेमारी की कार्यवाही करते हुए पीओएस में उपलब्ध स्टाक का भौतिक रूप से गोदाम में मौजूद स्टाक का मिलान किया गया तथा गुणवत्ता परीक्षण हेतु उर्वरक के 22 नमूनें ग्रहीत किये गये। कृषकों को निर्धारित दर पर गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रवर्तन दल के माध्यम से छापेमारी की कार्यवाही नियमित रूप से जारी रहेगी तथा उर्वरकों की कालाबाजारी/निर्धारित दर से अधिक दर पर बिक्रय करने वाले व्यवसाइयों के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी।

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