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इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा

इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा

भोलानाथ मिश्र 25 जून, 2025 को भारत में आपातकाल लगने के 50 साल पूरे हो जाएंगे। 25 जून, 1975 को आपातकाल घोषित हो गया था। 21 महीने तक संविधान के अनुसार नहीं, बल्कि सरकार की इच्छा के अनुसार देश चला। नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित थे। इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी की दादी तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी। राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा जी की सिफारिश पर आपातकाल की घोषणा की थी। पूरे देश में प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी गई थी। समाचार सेंसर किए जाने लगे। लोकसभा का…
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कश्मीर को बचाने में श्री गुरुजी  की भूमिका……

कश्मीर को बचाने में श्री गुरुजी  की भूमिका……

भोलानाथ मिश्र, पत्रकार / प्राध्यापक ___________________________  अपरेशन ' सिंदूर ' को सफल हुए एक माह से ऊपर हो गए हैं । विभिन्न राजनीतिक दलों से निर्वाचित  जनप्रतिनिधियों के 7 दल 35 देशो में जाकर पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों और पहलगांव की जघन्य निर्मम निर्दोष पर्यटकों की हत्या का भारत के पराक्रमी सैन्य बल द्वारा की गई टारगेटेड कार्रवाई की जानकारी दे कर स्वदेश लौट रहे हैं । अमेरिका के बड़बोले बयानबाज डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी द्वारा ' नरेंद्र , सरेंडर ' वाला बयान चर्चाओं में है । विपक्ष के कई नेता और प्रवक्ताओं…
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1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान रहा है वीरांगना अवंतीबाई लोधी का

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान रहा है वीरांगना अवंतीबाई लोधी का

(वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी के 167वें बलिदान दिवस 20 मार्च 2025 पर विशेष) आज भी भारत की पवित्र भूमि ऐसे वीर-वीरांगनाओं की कहानियों से भरी पड़ी है जिन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश के आजाद होने तक भिन्न- भिन्न रूप में अपना अहम योगदान दिया। लेकिन भारतीय इतिहासकारों ने हमेशा से उन्हें नजरअंदाज किया है। देश में सरकारों या प्रमुख सामाजिक संगठनों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए लोगों के जो कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं वो सिर्फ और सिर्फ कुछ प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के होते हैं। लेकिन बहुत से ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं जिनके…
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रस- रंग -भंग-व्यंग्य : चले थे मनाने…..”होली”

रस- रंग -भंग-व्यंग्य : चले थे मनाने…..”होली”

      - सुरेश सिंह बैस "शाश्वत"            किस्सा कुछ पुराना है। कुछ सालों पूर्व की घटना है। होली का त्योहार आने वाला था मेरा मित्र प्रदीप उपाध्याय जो पेण्ड्रा तहसील में जटगा-पसान के रास्ते के मध्य में पड़ने वाला एक छोटा सा गांव है बांधापारा, जो घनघोर जगलों (फिलहाल तो जितने जंगल बचे हैं उनमें तो यहां के जंगल अभी भी सुरक्षित बचे हुए हैं। ) के बीच मात्र बीस तीस घरों का छोटा सा गांव है।              वहीं वह प्राध्यापक के पद पर पदस्थ था। एक दो दिनों…
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प्रगतिशील भारत के निर्माण में समर्पित होने का संकल्प लेने का दिन है गणतंत्र दिवस

प्रगतिशील भारत के निर्माण में समर्पित होने का संकल्प लेने का दिन है गणतंत्र दिवस

(76 वें गणतंत्र दिवस पर विशेष आलेख) गणतंत्र शब्द का साधारण अर्थ है ’’लोगों का तंत्र’’ यानी कि जिस संविधान द्वारा हमारे देश में कानून का राज स्थापित है, उस संविधान से ही हमारे देश के तंत्र को मजबूती मिलती है और उसी तंत्र को भारतवासी मानते हैं। इसलिए हमारे देश को गणतांत्रिक देश बोला जाता है। हमारे देश में हमेशा से लोगों के लिये संविधान का एक अहम स्थान है। गणतंत्र दिवस हर वर्ष जनवरी महीने की 26 तारीख को पूरे देश में देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत होकर मनाया जाता है। भारत के लोग हर साल 26…
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