प्रदेश के जैत, कछपुरा, भावंत, सहन और सिकरपुर गांव का करेंगे भ्रमण, तलाशेंगे ग्रामीण पर्यटन की संभावनाएं
फैम ट्रिप प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों को वैश्विक पहचान दिलाने में होंगी सहायक- जयवीर सिंह
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी कड़ी में विभाग द्वारा ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक विशेष फैमिलियराइजेशन ट्रिप (फैम ट्रिप) का आयोजन किया गया। फैम ट्रिप के तहत प्रतिभागियों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया गया, जिसमें उन्हें राज्य की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक शिल्प, स्थानीय खानपान और लोककला की झलक देखने को मिली। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन संभावनाओं को उजागर करना एवं स्थानीय समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
फैम ट्रिप में शामिल सदस्यों को चार दिवसीय यात्रा (आज से 29 अप्रैल, 2025 तक) के पहले दिन मथुरा जनपद के जैत गांव ले जाया गया। प्रतिभागियों ने गांव में सक्रिय स्वयं सहायता समूह, स्थानीय संस्कृति और हस्तशिल्प आदि को करीब से देखा। सदस्यों ने मिट्टी के बर्तन बनाने, पारंपरिक खिलौनों की रचना, लड्डू गोपाल की पोशाक तैयार करने और तुलसी माला बनाने की प्रक्रिया को करीब से अनुभव किया। इन सभी गतिविधियों से जुड़ी स्थानीय महिलाओं से संवाद कर दल ने उनकी भूमिका, कौशल और आजीविका पर विस्तार से जानकारी ली। फैम ट्रिप दल का यह अनुभव ग्रामीण पर्यटन की संभावनाओं को उजागर करने में सहायक सिद्ध होगा।

फैम ट्रिप में शामिल ब्रिटेन से आई हुई कम्युनिटी टूरिज्म सलाहकार और कहानीकार एलिसा स्पैम्पिनाटो तथा पत्रकार पूनम गुप्ता ने मथुरा जनपद के ग्रामीण परिदृश्य की सुंदरता को नजदीक से देखा। कालिया नाग मंदिर में एक विशेष गाइडेड स्टोरी टेलिंग सत्र का भी हिस्सा बने। इस सत्र में प्रतिभागियों ने मंदिर के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व को जानने के साथ-साथ उससे जुड़ी लोक कथाओं और प्रसंगों को सुना। इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण सांस्कृतिक धरोहर को जनसामान्य तक पहुंचाना और स्थानीय इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा। उन्होंने जय कुंड (जल कुंड) का भी भ्रमण किया। ग्रामीण पर्यटन परियोजना के अंतर्गत पंजीकृत प्रामाणिक होम स्टे और फार्म स्टे का अनुभव भी लिया।
फैमिलियराइजेशन ट्रिप (फैम ट्रिप) के दूसरे दिन दल के सदस्यों को मथुरा से आगरा के समीप स्थित कछपुरा गांव की यात्रा कराई जाएगी। कछपुरा, मेहताब बाग के पास स्थित एक ऐतिहासिक गांव है। आगंतुक ’हेरिटेज वॉक’ के दौरान 11 सीढ़ियां और हुमायूं मस्जिद देखेंगे। तत्पश्चात कछपुरा गांव का भ्रमण करेंगे। स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेने के बाद गांव की उन महिलाओं से मुलाकात करेंगे, जो चमड़े की पारंपरिक सामग्री बनाने और जरी-जरदोजी कढ़ाई में निपुण हैं।
इसी तरह, फैम ट्रिप के तीसरे दिन आगंतुक मैनपुरी जनपद के भावंत और सहन गांव की यात्रा करेंगे। भावंत गांव में जखदर महादेव मंदिर का दर्शन करेंगे और स्थानीय होमस्टे का अनुभव लेंगे। सिंघाड़े की खेती भी देखेंगे। आगंतुक भावंत गांव में अपने हाथों से मिट्टी के बर्तन बनाने, तरकशी कला का अनुभव और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेंगे। सहन गांव में स्थानीय हस्तशिल्प को देखने के बाद बुलंदशहर के सिकरपुर गांव के लिए प्रस्थान कर जाएंगे। सिकरपुर में ’बगान ऑर्चर्ड रिट्रीट’ का आनंद लेंगे। यह एक शांत, हरियाली से भरपूर और शुद्ध वातावरण में समय बिताने के लिए बेहतरीन स्थल है। तत्पश्चात, दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस प्रकार की यात्राएं प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक होंगी। निकट भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि उत्तर प्रदेश को ग्रामीण पर्यटन के मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाया जा सके।

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