8 वर्षो से भारत मे शिक्षा की गिरती स्थिति बहुत चिंतनीय – सांसद तनुज पुनिया

क”  कला दीर्घा में बाराबंकी सांसद तनुज पूनिया और पूर्व सांसद डॉ पी एल पुनिया के साथ हुई प्रबुद्ध समाज की ” अनुसूचित जाति एवं जनजाति की भारत मे वर्तमान स्थिति एवं काशी की श्रमण संस्कृति”विषय पर परिचर्चा।

 वाराणसी।  लंका स्थित ‘क’ कला दीर्घा में काशी के प्रबुद्ध समाज की ”  अनुसूचित जाति एवम् जनजाति की भारत में वर्तमान स्थिति एवं काशी की श्रमण संस्कृति” विषय पर एक परिचर्चा आयोजित हुई। 

इसमें मुख्य वक्ता की भूमिका में उदबोधन करते हुए बाराबंकी से कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि लगभग 8 वर्षो से भारत मे शिक्षा की गिरती स्थिति बहुत चिंतनीय है और उसमें भी उच्च शिक्षा के लगातार गिरते स्तर भारत की यूवा प्रतिभाओं खास तौर से अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मौका न मिलने की स्थिति से भारत के निर्माण में उनकी भूमिका दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है। दूसरा भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे किसानो की पैदावार को किस तरीके से वैश्विक दबाव में आकर उनपर अनर्गल कर लगाकर उनकी कीमतों में वुद्धि दिखाकर उनको बाजार की प्रतिस्पर्धा से ही बाहर कर दिया जा रहा है यह सोचने को मजबूर करती है। उन्होंने पिपरमेंट का उदाहरण देकर कृषि उत्पादित पिपरमेन्ट के बनिस्बत चीन निर्मित केमिकल पिपरमेंट को भारत मे बेचने की बात की और इस तरीके की सरकारी ट्रेड नियमो की चालाकियों को सदन में हमने जब उठाया तो सरकार दबाव में आकर भारत उत्पादित पिपरमेंट की बिक्री को सुलभ बनाने के लिए प्रयास कर रही है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद और अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ पी एल पुनिया ने कहा कि अम्बेडकर जी ने सामाजिक न्याय की नही सामाजिक परिवर्तन की बात कही थी आज बड़ी चालाकी से देश की सत्ता में बैठे लोग सामाजिक परिवर्तन के मुख्य आधार स्तम्भो को ही दरकाकर देश मे अनुसूचित जाति के लोगो के प्रति अपनी सोच को दर्शा रहे है। 

अन्य वक्ता वरिष्ठ कांग्रेस नेता परमेन्द्र सिंह ने कहा कि काशी की संस्कृति बहुत ही न्यारी है यह कबीर ,रैदास औऱ तुलसी का कर्मभूमि है यहां पर अनुसूचित जाति के अधिकारो औऱ मर्यादाओं को कुचलने जो कुत्सित प्रयास चल रहे है उस पर काशी की प्रबुद्ध जनता विरोध करेगी।

कांग्रेस नेता सँजीव सिह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ 28 हजार विद्यालय बंद कर दूसरी तरफ हजारों शराब की दुकानों का खुलना यह बताता है कि देश और परदेस की सरकार यहां के लोगो खास तौर से अनुसूचित जाति के लोगो को कौन सा जीवन देना चाहती है स्पष्ट हो गया है और काशी का नागर समाज इस बात से वाकिफ है कि जो सवाल क़भी गांधी , अम्बेडकर , नेहरू ने देश की अनुसूचित जाति के लिए सपना देखा था उस सपने को पूरा करने के लिए राहुल गांधी पुरजोर तरीके से संघर्ष कर रहे है।

स्वागत भाषण देते हुए डॉ लेनिन रघुवंशी ने कहा कि काशी नगरी शिव की नगरी है और यहां बुद्ध से लेकर कबीर तक ने ऐसी रवायत पैदा की,  जिसमें रचा पगा व्यक्ति देश के लिए खास तौर से अनुसूचित जाति के हितों पर जब कुठाराघात होता दिखता है तो वह कमर कस कर खड़ा हो जाता है। अन्य वक्ताओं में प्रो सदानन्द शाही( बी एच यू), डॉ दिनबन्धु तिवारी, राजेश चौधरी , राहुल राज उपाध्यक्ष काशी विद्यापीठ ने अपने वक्तव्य दिया। संचालन डॉ शम्मी कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन श्रुति नागवंशी (संयोजक,सावित्री बाई फुले महिला पंचायत) ने किया। इस अवसर पर दिल्ली विस्वविद्यालय के अध्यक्ष आदित्य राज सिह , रोहित राणा, लालू कन्नौजिया, गौरव राव , शैलेन्द्र सिह , पन्ना लाल , सुरोजित चटर्जी सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

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