रांची। सीसीएल के विजिलेंस विभाग द्वारा डिजिटल तकनीकों की पारदर्शी एवं प्रभावी तैनाती सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक दो-दिवसीय निरीक्षण अभियान आरंभ किया गया है। यह अभियान 2 और 3 मई 2025 को सीसीएल के समस्त क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा है।

इस विशेष अभियान के तहत विजिलेंस विभाग की टीमें विभिन्न चेक पोस्ट एवं वेट ब्रिजों पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) तथा रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) आधारित बूम बैरियर्स की वर्तमान स्थिति एवं कार्यशीलता का गहन अवलोकन एवं मूल्यांकन कर रही हैं।
इस अभियान के अंतर्गत आज दिनांक 2 मई 2025 को सीसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO), श्री पंकज कुमार ने अर्गड़ा क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वीटीएस एवं आरएफआईडी आधारित डिजिटल व्यवस्था की स्थापना, परीक्षण तथा चालूकरण की प्रक्रिया की गहन समीक्षा की। उन्होंने संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि सिस्टम की पूर्ण रूप से स्थापना एवं सुचारू क्रियान्वयन के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की तकनीकी या संचालन संबंधित समस्या से बचने के लिए अभी से सक्रिय एवं सुधारात्मक प्रयास सुनिश्चित किए जाएं।
श्री कुमार ने अधिकारियों को यह भी स्मरण कराया कि वीटीएस एवं आरएफआईडी जैसी डिजिटल पहलों का प्रभावी क्रियान्वयन न केवल संचालन में दक्षता लाता है, बल्कि यह कोयला मंत्रालय (MoC) द्वारा निर्धारित पारदर्शिता एवं जवाबदेही के उच्च मानकों की पूर्ति में भी सहायक है।
यह भी उल्लेखनीय है कि 100% डिजिटल कार्यान्वयन वर्तमान में कोयला मंत्रालय के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है। इन तकनीकों का समुचित प्रयोग कोयला परिवहन, तौल प्रक्रिया, और सुरक्षा मानकों में सुधार लाने का सशक्त माध्यम है।
सीसीएल प्रतिबद्ध है कि वह डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से अपने कार्यप्रणालियों को और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह एवं कुशल बनाए। विजिलेंस विभाग का यह निरीक्षण अभियान इसी दिशा में एक ठोस प्रयास है।

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