किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अल्पावधि फसल किस्मों पर जोर 

वाराणसी। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत वैज्ञानिक किसानों के खेतों तक जाकर किसानों की समस्याओं को सुन रहे है और उन्हें कृषि से संबंधित चल रही योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। किसानों को कृषक हितार्थ अल्पावधि फसलों की किस्मों को विशेष महत्व दिया जा रहा है जिससे किसानों को एक ही वर्ष में तीन या अधिक फसलें लेने का अवसर मिलता है, साथ ही उत्पादन लागत भी घटती है परिणाम स्वरूप आय में वृद्धि होती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों द्वारा गेहूं, धान, दालें, सब्जियाँ और तिलहन की ऐसी कई उन्नत अल्पावधि किस्में विकसित की गई हैं, जो न केवल जलवायु के अनुकूल हैं बल्कि उच्च उपज भी देती हैं। उदाहरण स्वरूप, मटर जैसे काशी उदय , काशी नंदिनी, काशी अगेती, काशी पूर्वी,  मूंगफली, उड़द, अरहर, अमरनाथ, पालक काशी चौलाई , काशी लाल चौलाई, मूली ( काशी मूली-40), धनिया तथा कई प्रकार की सब्जियों की ऐसी किस्में किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं जो 50 से 75 दिनों में तैयार हो जाती हैं।

ICAR-IIVR के वैज्ञानिक डॉ. ज्योति देवी ने बताया कि “शॉर्ट ड्यूरेशन फसलों का चयन कर किसान रबी और खरीफ के बीच की खाली अवधि में आय का नया स्रोत बना सकते हैं। इससे खेती की उत्पादकता बढ़ेगी और कृषि को टिकाऊ बनाया जा सकता है”। डॉ विद्यासागर (आई सी ए आर आई आई वी आर) ने बताया कि सरकार भी इन प्रयासों को बढ़ावा दे रही है और किसान प्रशिक्षण, बीज वितरण, तकनीकी सहायता और बाजार व्यवस्था के माध्यम से अल्पावधि फसलों को प्रोत्साहित कर रही है। ऐसे कदम निश्चित रूप से किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। 

डॉ. प्रतीक्षा सिंह, के वी के वाराणसी ने इस संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अल्पावधि फसलें किसानों को समय पर बीज, बेहतर उत्पादन और फसल सुरक्षा प्रदान करती हैं, जिससे उनकी उपज और आय में वृद्धि हो रही है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अनुदान पर मिल रही मशीनों के द्वारा लघु उद्योग शुरू करने की अपील की जिससे हर एक महिला को समूह का फायदा मिल सके l  डॉ. अमितेश सिंह ने किसानो को धान गेहूं तथा अन्य फसलों की जानकारी देते हुए DSR विधि के बारे में विस्तृत चर्चा की l कार्यक्रम में प्रदीप पांडे ने प्रोफार्मा भर किसानों की जानकारी ली । 

इस अभियान के तहत इस टीम द्वारा सेवापुरी के तीन गांव महराजगंज, मढ़ैयां तथा रसूल्ला में गोष्ठी के माध्यम से कृषि विभाग से दीपक मौर्य,  उद्यान विभाग से दिनेश चौधरी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कर्मचारी उपस्थित रहे जिसमें लगभग 300 किसानों ने प्रतिभाग किया ।

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