जिलाधिकारी ने किया मानसिक चिकित्सालय का औचक निरीक्षण

वाराणसी। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने रविवार को मानसिक चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया तथा मौके पर मौजूद मानसिक चिकित्सालय के निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अग्निशमन कक्ष, गार्ड रूम, मरीजों के रहने वाले कक्ष, ओ पी डी, इमरजेंसी व फैमिली वार्ड सहित अन्य स्थानों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं को परखा। 

      जिलाधिकारी ने निदेशक व प्रमुख अधीक्षक मानसिक चिकित्सालय के कक्ष में बैठकर मरीजों की संख्या, उनके उपचार व रहने, खाने और वहाँ संचालित व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली।उन्होंने चिकित्सालय के रिकॉर्ड रजिस्टर को चेक किया और प्रयोग होने वाले शब्दों जैसे कोठारी, लॉकअप और जंगी वार्ड में बदलाव करने के लिए शासन को पत्र प्रेषित करने का निर्देश दिया। कहा कि ये सभी शब्द अप्रासंगिक हो चुके हैं। जिलाधिकारी ने मरीजों के रहने वाले कक्षों का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाएँ देखी।उन्होंने मरीजों के लिए इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने मरीजों के बेड, चादर और कक्ष की साफ़ सफाई पर संतोष व्यक्त किया।

        इस दौरान निदेशक व प्रमुख अधीक्षक ने जिलाधिकारी को बताया कि इस चिकित्सालय में यहाँ रहने वाले और बाह्य रोगी सुविधायें उपलब्ध हैं। मरीज देखने के लिये अलग से बाह्य रोगी कक्ष की व्यवस्था है। मरीजों को बैठने तथा उनके परिजनों की सुविधा हेतु ओ०पी०डी० परिसर में कुर्सियाँ लगी है तथा ओ०पी०डी० के अन्दर एवं बाहर शौचालय एवं पीने हेतु फिल्टर वाटर कूलर की व्यवस्था है। प्रशासनिक परिसर में भी मानसिक रोगियां एवं परिजनों के बैठने एवं मिलने (भेट) हेतु एक शेड बना है, जिसमें फिल्टर्ड वाटर कूलर तथा शौचालय की सुविधा उपलब्ध है।यहाँ पर पुरुष, महिला और पारिवारिक वार्डों में मरीजों के अलग अलग रहने की व्यवस्था है। चिकित्सालय में टेलीमानस की सहायता से मानसिक रूप से बीमार मरीजों की काउंसिलिंग की जाती हैं।

      जिलाधिकारी ने गॉर्ड कक्ष के रजिस्टर को चेक किया और निर्देशित किया कि चिकित्सालय में आने जाने वाले सभी लोगों की एंट्री रजिस्टर में होनी चाहिए। बिना रजिस्ट्री में एंट्री के कोई अंदर नहीं जाना चाहिए, इसे सुनिश्चित कराने के लिए निदेशक को निर्देशित किया। उन्होंने ओपीडी वार्ड व फैमिली वार्ड में जाकर नर्स से बातचीत कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली और फैमिली वार्ड का रजिस्टर भी चेक किया। कहा कि फैमिली वार्ड के हर मरीज और उसके गार्जियन के नाम व नंबर के साथ रजिस्ट्री में एंट्री अवश्य हो। उन्होंने पारिवारिक वार्ड में रहने वाले मरीजों के गार्जियन का परिचय पत्र बनवाने का निर्देश दिया। इसके अलावा जिलाधिकारी ने मानसिक चिकित्सालय बन रहे नए वार्ड और मेडिकल कॉलेज के फाउंडेशन के कार्यों की जानकारी ली।

        निरीक्षण के दौरान एडीएम सिटी आलोक वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट रविशंकर सिंह, मानसिक चिकित्सालय के निदेशक व अधीक्षक प्रकाश चंद मल्ल, सीएमएस जिला अस्पताल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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