परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली का होगा विकास, पर्यटन विभाग का प्रयास

27.68 करोड़ रुपए से विकसित होंगी पर्यटक सुविधाएं, विभाग द्वारा 05 करोड़ रुपए जारी

योग गुरु परमहंस योगानंद जी ने दुनिया को पढ़ाया योग का पाठ : जयवीर सिंह

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में स्थित परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली का विकास किया जाएगा। पर्यटन विभाग यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास करेगा। इसके लिए 27.68 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए, जिसमें 05 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। यह जानकारी उ0प्र0 के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले परमहंस योगानंद जी का जन्म उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर हुआ था। भारत के अलावा अन्य देशों में भी बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हैं। योगानंद जी की जन्मस्थली गोरखपुर शहर में कोतवाली के समीप स्थित है। पर्यटन विभाग गर्भगृह को संरक्षित रखते हुए यहां का विकास करेगा।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परमहंस योगानंद जी की जन्मस्थली पर ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर और सेकंड फ्लोर बनाया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर पर हॉल, कमरे बनाए जाएंगे। प्रथम तल पर बड़े हॉल, कमरे आदि का निर्माण होगा। इसी तरह, दूसरे तल पर भी विभिन्न कार्य कराए जाएंगे। भवन में लिफ्ट की सुविधा भी रहेगी।

श्री जयवीर सिंह ने बताया कि विभाग इस योजना को लेकर काफी उत्साहित है। योगानंद जी की जन्मस्थली के विकास से जिले में विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है। गौरतलब है, कि हाल के वर्षों में गोरखपुर महत्वपूर्ण गन्तव्य स्थल के रूप में उभरा है। बीते वर्ष यहां 36,15,917 पर्यटक आए थे, जिसमें लगभग 3,000 विदेशी आगंतुक थे। योगानंद जी की जन्मस्थली का विकास होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी। क्योंकि विदेशों में उनके लाखों अनुयायी हैं।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। अभी हम घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर हैं। विदेश पर्यटकों के आगमन में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

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